भारतीय टीम को मार्च के महीने में श्रीलंका के खिलाफ दो मैच की घरेलू टेस्ट सीरीज़ खेलनी है. इसके लिए टीम का ऐलान हो गया है और इसमें विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा को शामिल नहीं किया गया है. टीम में ना चुने जाने पर ऋद्धिमान साहा ने कई तरह के सवाल खड़े किए, जिसके बाद विवाद बढ़ता जा रहा है.
लेकिन हालिया साल में टीम इंडिया के इतिहास को देखें, तो जब-जब बदलाव का दौर चला है इस तरह की बातें सामने आती ही रही हैं. ऐसे ही कुछ विवादों पर एक बार नज़र डालते हैं...
ऋद्धिमान साहा: श्रीलंका के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज़ के लिए बतौर दूसरा विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा का चयन नहीं हुआ. टीम मैनेजमेंट ऋषभ पंत के अलावा केएस भरत पर ध्यान देना चाहता है. ऋद्धिमान साहा ने इसके बाद बताया कि सौरव गांगुली ने उन्हें कहा था कि जबतक वह BCCI में हैं, चिंता की कोई बात नहीं है. साथ ही कोच राहुल द्रविड़ ने साउथ अफ्रीका दौरे में उन्हें संन्यास की सलाह दी थी.
हरभजन सिंह: टीम इंडिया के लीजेंड ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया. हरभजन ने लंबे वक्त से कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला था, लेकिन उनका टीम से बाहर होना विवादों का कारण रहा. एमएस धोनी की अगुवाई में रविचंद्रन अश्विन ने टीम इंडिया में अपनी पॉजिशन मजबूत की, ऐसे में हरभजन को बाहर होना पड़ा. हरभजन ने कहा कि उन्हें कभी बताया नहीं गया कि वह टीम में फिट क्यों नहीं हैं.
गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग: साल 2012 की सीबी सीरीज़ के दौरान ही एमएस धोनी ने प्रयोग करने शुरू किए थे, जिसके बाद सीनियर्स प्लेयर्स का टीम से ड्रॉप होना शुरू हुआ था. वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और सचिन तेंदुलकर में से किन्हीं दो खिलाड़ियों को ही टीम में रखा जाता था. क्योंकि तब महेंद्र सिंह धोनी ने मैदान पर खिलाड़ियों की फिटनेस को तवज्जो देने की बात कही थी.
सौरव-सचिन-लक्ष्मण-द्रविड़: टीम इंडिया की सबसे फेमस चौकड़ी को भी बदलाव के इस दौर से गुजरना पड़ा था. सौरव गांगुली ने चैपल विवाद के बाद टीम में वापसी की थी, लेकिन उसके बाद टीम में जगह बनाए रखना उनके लिए चुनौती थी क्योंकि तब युवराज सिंह भी टेस्ट टीम में अपनी जगह तलाश रहे थे. सचिन तेंदुलकर को लेकर कभी सवाल नहीं हुए, लेकिन करियर के अंतिम दौर में उन्हें फैन्स की नाराजगी भी झेलनी पड़ी. राहुल द्रविड़ के साथ भी ऐसा ही हुआ था, क्योंकि तबतक चेतेश्वर पुजारा का उदय हो गया था.
पुजारा-रहाणे-ईशांत: श्रीलंका सीरीज़ में ही सारा ध्यान ऋद्धिमान साहा को लेकर जा रहा है, लेकिन इसी सीरीज़ में तीन बदलाव और हुए हैं. चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और ईशांत शर्मा को टीम से बाहर किया गया है, इनकी जगह युवाओं को मौका दिया जा रहा है. हनुमा विहारी, श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी में आगे आ रहे हैं जबकि जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी जैसे बॉलर अब बॉलिंग का मोर्चा संभाल चुके हैं.
भारतीय टीम इस वक्त एक बदलाव के दौर से गुज़र रही है. पहले टीम का कप्तान बदला गया और अब भविष्य की टीम को तैयार करने की कोशिशें हैं. क्योंकि टीम के अधिकतर सीनियर खिलाड़ी अपने करियर के आखिरी मोड़ पर पहुंच रहे हैं.