
भारतीय टीम को 1975 और 1979 के विश्व कप में बुरी हार झेलनी पड़ी थी. उसके बाद किसी ने 1983 विश्व कप में भारतीय टीम की जीत के सपने भी नहीं देखे होंगे. 1975 में भारत को विश्व कप मुकाबले में इकलौती जीत मिली थी, वो भी ईस्ट अफ्रीका के खिलाफ. 1979 में तो भारतीय टीम श्रीलंका के हाथों शिकस्त खा चुकी थी.
उस वक्त श्रीलंका को टेस्ट क्रिकेट खेलने का भी दर्जा प्राप्त नहीं था. जब 1983 विश्व कप पास आया तो टीम में चुने गए सभी खिलाड़ियों ने इसे एक छुट्टी की तरह ही लिया था.
भारतीय फैंस, क्रिकेट पंडित और खुद टीम के खिलाड़ी किसी भी तरह से जीत के बारे में नहीं सोच रहे थे और विश्व कप के बाद क्या करना है उसकी तैयारी में लगे थे. इसी बात को लेकर कृष्णामचारी श्रीकांत का भी एक किस्सा काफी प्रचलित है. श्रीकांत उस भारतीय टीम की जान थे. श्रीकांत अपनी बातों और अपनी मजेदार हरकतों से टीम इंडिया पर बढ़ रहे दबाव को कम करने में माहिर थे.
टीम इंडिया के ओपनिंग बल्लेबाज श्रीकांत की शादी विश्व कप से ठीक 2 महीने पहले ही हुई थी. श्रीकांत उस वक्त 24 वर्ष के थे. श्रीकांत को भी बाकी खिलाड़ियों की तरह भरोसा था कि टीम इंडिया विश्व कप नहीं जीत सकती है. जैसे ही टीम चुनी गई सभी खिलाड़ियों न विश्व कप के बाद अमेरिका जाने की प्लानिंग की थी.
टीम सेलेक्शन के बाद सुनील गावस्कर ने श्रीकांत को फोन पर कहा था कि आप अपनी अमेरिका के लिए टिकट करवा लें हम बीच रास्ते में इंग्लैंड में विश्व कप खेलने के बाद सभी लोग अमेरिका चलेंगे. श्रीकांत के सुनील गावस्कर के फोन के बाद अपनी पत्नी से कहा था कि हमें हनीमून के लिए अमेरिका जाना और बीच में विश्व कप के लिए लंदन में रुकना होगा.
अमेरिका की फ्लाइट पकड़ने की जगह हाथ लगा विश्व कप
टीम के खिलाड़ियों को पिछले विश्व कप की हार की वजह से पूरा भरोसा था कि टीम लीग राउंड के आगे नहीं बढ़ेगी. श्रीकांत मजाकिया अंदाज में कहते हैं सभी का अमेरिका जाने का प्लान कप्तान कपिल देव ने चौपट कर दिया.
जिस दिन खिलाड़ियों को अमेरिका की फ्लाइट पकड़नी थी, उस वक्त टीम इंडिया लॉर्ड्स में विश्व कप फाइनल खेल रही थी. उस फाइनल में जीत के बाद टीम इंडिया को सीधे भारत आना पड़ा और यहां सभी खिलाड़ियों का स्वागत हीरो की तरह किया गया.
टीम इंडिया की विश्व कप जीत से कई खिलाड़ियों के अमेरिका जाने के प्लान पर तो रोक लग गई थी, लेकिन इस जीत ने भारत में एक नए युग की शुरुआत कर दी थी. इस जीत ने कई युवा खिलाड़ियों को क्रिकेटर बनने की प्रेरणा दी.
उस वक्त बोर्ड के पास खिलाड़ियों का स्वागत और इनाम देने के ज्यादा संसाधन नहीं होते थे तो लता मंगेशकर, नितिन मुकेश ने एक म्यूजिकल नाइट का आयोजन कर इन सभी खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए पैसों की व्यवस्था की.
1983 विश्व कप में जीत के बाद भारत ने अगले विश्व कप का आयोजन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के साथ मिलकर किया, इस आयोजन के बाद क्रिकेट में इंग्लैंड की मोनोपली का भी खात्मा हुआ. 1983 के बाद से 2019 तक इंग्लैंड ने सिर्फ 2 विश्व कप होस्ट किए और भारत ने 3. इस टीम इंडिया ने भारतवासियों को गर्व के साथ विश्व विजेता होने का सम्मान दिया है.