IPL 2025 rule changes: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 का आगाज 22 मार्च को होगा. इस 18वें सीजन का फाइनल मुकाबला 25 मई को खेला जाएगा. ओपनिंग मुकाबला ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच है. लेकिन IPL के काउंटडाउन से पहले इस बार कई चीजों में बदलाव होने जा रहा है.
कुल मिलाकर इन नियमों में ढिलाई बरतने से खिलाड़ियों से लेकर कप्तानों तक को फायदा मिलेगा. आइए आपको IPL 2025 से जुड़े कुछ ऐसे ही बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं.
Mark your calendars, folks! 🥳🗓#TATAIPL 2025 kicks off on March 2️⃣2️⃣ with a clash between @KKRiders and @RCBTweets 🤜🤛
— IndianPremierLeague (@IPL) February 16, 2025
When is your favourite team's first match? 🤔 pic.twitter.com/f2tf3YcSyY
1: स्लोओवर रेट के लिए नई व्यवस्था...
IPL (इंडियन प्रीमियर लीग) 2025 में अब स्लोओवर रेट के लिए नई व्यवस्था की गई है. पहले की व्यवस्था में स्लोओवर रेट के लिए टीम के कप्तान को बैन कर दिया जाता था.
अब IPL में कप्तानों को स्लो ओवर रेट के लिए बैन नहीं किया जाएगा. अब इसके बजाय उनके डिमेरिट अंक काटे जाएंगे. गुरुवार को मुंबई में कप्तानों की बैठक में यह फैसला लिया गया. यह कदम पिछले चरण में मुंबई इंडियंस के कप्तान हार्दिक पंड्या और दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत पर तीसरी बार धीमी ओवर गति के उल्लघंन के लिए एक मैच का प्रतिबंध लगाए जाने के बाद उठाया गया है.
हार्दिक इस प्रतिबंध के कारण चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 2025 चरण का पहला मैच नहीं खेल पाएंगे. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र ने कहा- लेवल एक के उल्लघंन से डिमेरिट अंकों के साथ 25 से 75 प्रतिशत मैच फीस काटी जाएगी. जिसकी गणना अगले तीन वर्षों के लिए की जाएगी. लेवल दो का उल्लघंन गंभीर होने पर चार डिमेरिट अंक मिलेंगे.
📸 𝗖𝗮𝗽𝘁𝗮𝗶𝗻𝘀 𝗗𝗮𝘆 𝗕𝗧𝗦 🤩
— IndianPremierLeague (@IPL) March 20, 2025
Wholesome day with the 🔟 #TATAIPL Captains before what promises to be a rollercoaster journey ahead🎢 pic.twitter.com/Im4miVZkV3
2: सलाइवा के इस्तेमाल से बैन हटा
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के ज्यादातर कप्तानों की सहमति के बाद आगामी सेशन में गेंद पर लार (सलाइवा) के इस्तेमाल से प्रतिबंध हटा दिया है. आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी के दौरान भारत के अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा था कि गेंद पर लार लगाने की जरूरत है वरना यह पूरी तरह से बल्लेबाजों के पक्ष में हो जाएगा. साउथ अफ्रीका के वेर्नोन फिलैंडर और न्यूजीलैंड के टिम साउदी ने भी इसका समर्थन किया था.
मुंबई में कप्तानों की बैठक में यह फैसला लिया गया. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने कोविड-19 महामारी के दौरान गेंद को चमकाने के लिए लार लगाने की सदियों पुरानी प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था और बाद में 2022 में विश्व संस्था ने इस प्रतिबंध को स्थायी कर दिया था. बीसीसीआई ने पहले ही इस पर आंतरिक रूप से चर्चा कर ली थी और कप्तानों को ही फैसला लेना था, इसलिए कप्तानों ने आईपीएल के इस सेशन में लार के इस्तेमाल को जारी रखने का फैसला किया.
3: IPL में होगा सेकंड बॉल का इस्तेमाल
रात के मैचों में ओस के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए आईपीएल 2025 में एक नया महत्वपूर्ण रूल- 'सेकंड बॉल' को लेकर आ रहा है. ओस अक्सर गेंदबाजों की गेंद को पकड़ने की क्षमता में बाधा डालती है, जिससे बल्लेबाजों को अनुचित लाभ मिलता है, खासकर रन चेज के दौरान. इसी को देखते हुए अंपायर दूसरी पारी के 11वें ओवर के बाद गेंद की स्थिति का आकलन करेंगे. यदि अत्यधिक ओस का पता चला, तो गेंदबाजी टीम को एक नई गेंद का उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, यह नियम दोपहर के मैचों पर लागू नहीं होगा.
4: इम्पैक्ट प्लेयर रूल
इम्पैक्ट प्लेयर नियम इस बार भी आईपीएल में बना रहेगा. पिछले कुछ सीजन में शुरू हुआ रूल आईपीएल 2025 में भी जारी रहेगा. यह नियम टीमों को एक मैच के दौरान एक खिलाड़ी को सब्स्टीट्यूट करने की अनुमति देता है, जिससे अनकैप्ड खिलाड़ियों को अधिक अवसर मिलते हैं, जिन्हें ज्यादतर खेलने का मौका नहीं मिलता है. इम्पैक्ट प्लेयर नियम की समीक्षा 2027 संस्करण के बाद की जाएगी
5: वाइड और हाइट वाली गेंदों के लिए DRS
ऊंचाई और ऑफ साइड वाइड के लिए डीआरएस निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में अब ऊंचाई के आधार पर नो-बॉल और ऑफ स्टंप के बाहर वाइड के लिए रेफरल शामिल होंगे. हॉक-आई तकनीक और बॉल ट्रैकिंग के उपयोग से अंपायरों को सटीक निर्णय लेने में अतिरिक्त सहायता मिलेगी.
6: प्लेयर रिप्लेसमेंट रूल
जिस खिलाड़ी को बदला (रिप्लेस) जा रहा है, वह पूरे सत्र के दौरान अपनी टीम के लिए खेलने के लिए वापस नहीं आ सकता. सब्स्टीट्यूट कॉन्ट्रैक्ट केवल तभी किया जा सकता है जब टीम बीसीसीआई को सभी प्रासंगिक दस्तावेज भेज दे और उनकी अनुमति का इंतजार करे. सब्सटीट्यूट खिलाड़ियों को उस वर्ष की नीलामी पूरी होने के बाद ही कॉन्ट्रैक्ट किया जा सकता है.
टीमों को भेजे गए एक संदेश में बीसीसीआई ने उन परिस्थितियों को स्पष्ट किया है, जब आंशिक रिप्लेसमेंट की अनुमति दी जाती है और आरएपीपी (Registered Available Player Pool) नामक एक पूल बनाने की बात भी कही है. फ्रेंचाइजी केवल प्रतिस्थापन के लिए आरएपीपी से खिलाड़ियों को ले सकती है. आरएपीपी की अवधारणा को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है.