18 साल के पृथ्वी शॉ ने पदार्पण मौके को दोनों हाथों से लपकते हुए शतक जमा दिया. वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में उन्होंने गुरुवार को 99 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. पृथ्वी ने 154 गेंदों की पारी में 134 रन बनाए.
पृथ्वी शॉ अपने डेब्यू मैच में शतक के सहारे रिकॉर्ड बुक में छा गए. इस सैकड़े की बदौलत उन्होंने कई उपलब्धियां अपने नाम कीं, जिनमें ऐसा भी 'माइल स्टोन ' शामिल हैं, जिसे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और मौजूदा वर्ल्ड नंबर-वन बल्लेबाज विराट कोहली भी नहीं छू पाए.
फर्स्ट क्लास क्रिकेट की बात करें, तो पृथ्वी शॉ अपना 15वां मैच खेल रहे हैं. जिसमें उनका पदार्पण टेस्ट भी शामिल है. यानी 15 प्रथम श्रेणी मैचों में वह 8 शतक जड़ चुके हैं. फर्स्ट क्लास क्रिकेट इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के बिल पॉन्सफोर्ड ही एकमात्र बल्लेबाज रहे, जो 15 मैचों में 9 शतक जमाकर पृथ्वी से आगे हैं.
पृथ्वी शॉ टेस्ट में डेब्यू कर दिग्गजों के एक ऐसे अनोखे क्लब में शामिल हो चुके हैं, जो किसी 'अजूबा' से कम नहीं हैं. दरअसल, पृथ्वी ऐसे तीसरे बल्लेबाज बन गए, जिन्होंने अपने करियर के दौरान एक पारी में 500 या इससे ज्यादा रनों की पारी खेली हो और टेस्ट मैच में भी जगह बनाई हो. ऐसे टेस्ट क्रिकेटरों में ऑस्ट्रेलिया के चार्ल्स एडे शामिल हैं, जिन्होंने क्लब क्रिकेट में 566 रन बनाए थे, इसके अलावा वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने 1994 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नाबाद 501 रनों की पारी खेली थी.
बल्लेबाज जो करियर की एक पारी में 500+ रन बनाए और टेस्ट मैच भी खेले
-चार्ल्स एडे (566 रन) 1902 में (क्लब क्रिकेट)
-ब्रायन लारा ((501* रन) 1994 में (फर्स्ट क्लास क्रिकेट)
-पृथ्वी शॉ (546 रन) 2013 में (स्कूली क्रिकेट)
दरअसल, पृथ्वी पहली बार नवंबर 2013 में सुर्खियों में तब आए थे, जब उन्होंने हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में सेंट फ्रांसिस के खिलाफ रिजवी स्प्रिंगफील्ड की ओर से खेलते हुए 330 गेंदों में 546 रन बना डाले थे.