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'BCCI ने जासूसी नहीं कराई, हैकिंग से रोकने की थी कोशिश'

बीसीसीआई स्नूपगेट मामले में बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कभी जासूसी नहीं कि बल्कि हैकिंग से बचाने की कोशिश की गई थी. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने शिवलाल यादव और संजय पटेल से जवाब मांगा था कि एन श्रीनिवासन ने किस लिए लंदन स्थित जासूसी एजेंसी को नियुक्त किया था.

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एन श्रीनिवासन
एन श्रीनिवासन

बीसीसीआई स्नूपगेट मामले में बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कभी जासूसी नहीं कि बल्कि हैकिंग से बचाने की कोशिश की गई थी. बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने शिवलाल यादव और संजय पटेल से जवाब मांगा था कि एन श्रीनिवासन ने किसलिए लंदन स्थित जासूसी एजेंसी को नियुक्त किया था.

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बीसीसीआई के एक अधिकारी ने हमारे सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे को बताया, 'यह (लंदन स्थित जासूसी एजेंसी की नियुक्ति) जासूसी के लिए नहीं था. बल्कि बीसीसीआई की ईमेल की हैकिंग से बचाने के लिए ऐसा किया गया था. इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड की सलाह पर ऐसा किया गया था.'

इससे पहले शनिवार को गैर मान्यता प्राप्त क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव आदित्य वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे इस बात की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित करने का आग्रह किया था कि क्या बीसीसीआई पूर्व शीर्ष पदाधिकारी कथित तौर पर बोर्ड अधिकारियों के फोन टेप करते थे.

प्रधानमंत्री को संबोधित पत्र में वर्मा ने उस आरोप के बारे में लिखा है जिसके मुताबिक बीसीसीआई के पूर्व सचिव ‘संजय पटेल ने लंदन स्थित निजी फर्म को मार्च 2015 में होने वाली वाषिर्क आम बैठक से पहले बोर्ड के सीनियर सदस्यों के फोन टेप करने और उनके ईमेल हैक करने के लिए 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.’

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आईपीएल फिक्सिंग कांड में याचिकाकर्ता वर्मा ने अपनी अपील में दावा किया है, ‘लंदन स्थित जासूसी एजेंसी की नियुक्ति से संबंधित पत्र के बारे में हमारा मानना है कि वह बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों के पास है.’ उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था, ‘कृपा करके उन्हें (बीसीसीआई अधिकारियों) संबंधित पत्र को तुरंत प्रभाव से सार्वजनिक करने का निर्देश दें.’ बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय पटेल ने इस आरोपों को पूरी तरह से आधारहीन करार दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि यह भुगतान अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था.

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