वीरेंद्र सहवाग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के एक दिन बाद अपने सदाबहार अंदाज का अद्भुत नजारा पेश करके रणजी ट्रॉफी मैच में जोरदार शतक जमाया और साबित कर दिया कि अभी उनके बल्ले की भूख शांत नहीं हुई है.
सहवाग ने 170 गेंदों पर 16 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 136 रन बनाए जो उनके प्रथम श्रेणी करियर का 42वां शतक है. हरियाणा के कर्नाटक के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने और सलामी बल्लेबाजों के विकेट जल्दी गंवाने के बाद सहवाग और जयंत यादव (100) ने तीसरे विकेट के लिए 206 रन की साझेदारी की.
हरियाणा ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक आठ विकेट पर 319 रन बनाए लिए. हरियाणा एक समय बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रहा था लेकिन एचएस शरत ने हैट्रिक लेकर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया. सहवाग के तीसरे विकेट के रूप में पवेलियन लौटने के बाद हरियाणा ने 54 रन के अंदर छह विकेट गंवा दिए. स्टंप उखड़ने के समय आशीष हुड्डा छह रन पर खेल रहे थे जबकि हर्षल पटेल को अभी अपना खाता खोलना है.
कर्नाटक की तरफ से शरत के अलावा डेविड मैथियास ने दो जबकि आर विनयकुमार और जे सुचित ने एक एक विकेट लिया.