टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में अब तक जैसा प्रदर्शन किया है, उससे प्रशंसकों के अंदर लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन बनने की उम्मीदें जगी हैं. वैसे नॉकआउट स्टेज में टीम का प्रदर्शन पूरी तरह से बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण पर निर्भर करेगा, पर धोनी को गुडलक की जरूरत भी पड़ेगी.
टीम इंडिया के लिए धोनी का स्पेशल 'मंत्र'
वैसे तो टीम के साथ पूरे देश की दुआएं हैं, लेकिन एक गुडलक ऐसा है जो टीम को पक्का चैंपियन बना देगी. ये गुडलक है एक टाई मैच.
जी हां, धोनी की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट टीम ने अब तक दो वर्ल्ड कप जीते हैं, एक टी20 और दूसरा वनडे का. इन दोनों ही टूर्नामेंट में भारत ने लीग स्टेज में एक टाई मैच खेला है.
टी 20 वर्ल्ड कप 2007 में पाकिस्तान से मैच टाई
ग्रुप स्टेज में भारत की भिड़ंत अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से हुई. मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 9 विकेट पर 141 रन बनाए. इसके जवाब में पाकिस्तानी टीम निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट पर 141 रन ही बना सकी. मैच का फैसला बॉल आउट के आधार पर हुआ, जिसमें भारत की जीत हुई.
2011 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड से मुकाबला बराबरी पर छूटा
इस टूर्नामेंट में धोनी के धुरंधरों की भिड़ंत इंग्लैंड के साथ लीग स्टेज में हुई. बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में कुल 676 रन बने पर कोई भी टीम विनर नहीं रही. दरअसल, भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर में 338 रन बनाए. इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम निर्धारित ओवरों में 8 विकेट पर 338 रन ही बना सकी.
ऐसा नहीं है कि धोनी के लिए टाई मैच का गुडलक सिर्फ वर्ल्ड कप जैसे टूर्नामेंट तक सीमित रहा है. कुछ ऐसा ही आईपीएल 2010 में भी हुआ था, जब धोनी की टीम चेन्नई सुपर किंग्स फ्रेंचाइजी टी-20 टूर्नामेंट इंडियन प्रीमियर लीग की चैंपियन बनी.
किंग्स इलेवन पंजाब के साथ मैच टाई
टूर्नामेंट के इस सीजन के 16वें मुकाबले में चेन्नई की भिड़ंत पंजाब से हुई. पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट पर 136 रन बनाए. लक्ष्य आसान था पर धोनी की टीम निर्धारित ओवरों में 7 विकेट खोकर इतने ही रन बना सकी. मैच का नतीजा वन ओवर एलिमिनेटर से हुआ, जिसमें पंजाब की जीत हुई.
2010 चैंपियंस लीग में विक्टोरिया के खिलाफ मुकाबला टाई
आपको जानकर यह हैरानी होगी कि टाई मैच के इस गुडलक ने धोनी का साथ टी 20 चैंपियंस लीग में भी दिया. धोनी के नेतृत्व में चेन्नई टीम ने 2010 में पहली बार चैंपियंस लीग खिताब जीता. इस टूर्नामेंट के 13वें मुकाबले में धोनी के धुरंधर ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया टीम से भिड़े. चेन्नई ने निर्धारित 20 ओवरों में 6 विकेट पर 162 रन बनाए और विपक्षी टीम को इतने ही रनों पर ढेर कर दिया. इसके बाद वन ओवर एलिमिनेटर में विक्टोरिया ने चेन्नई से बाजी मार ली.
इन आंकड़ों से इस भ्रम में मत पड़िए कि अगर मैच टाई नहीं हुआ, तो भारत यह टूर्नामेंट नहीं जीत पाएगा. धोनी की कप्तानी में हमने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था, इस टूर्नामेंट में भारत ने कोई भी मैच टाई नहीं किया था.
इसके अलावा चेन्नई सुपर किंग्स टीम 2011 में दोबारा आईपीएल चैंपियन बनी और 2014 में टी-20 चैंपियंस लीग का खिताब. दोनों ही टूर्नामेंट में धोनी की टीम ने एक भी टाई मुकाबला नहीं खेला.