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धोनी जवाब खोजने जाते हैं, पर सामने आ जाते हैं और सवाल!

परेशानी यह है कि धोनी जिन सवालों के साथ मैच में उतरते हैं, उनके जवाब मिलना तो दूर टीम के सामने कुछ और सवाल उठ खड़े होते हैं.

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महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी

आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के आगाज में एक हफ्ते से भी कम का वक्त बचा है. ऐसे में हर टीम अपने प्लेइंग इलेवन को अंतिम रूप देने की कोशिश में जुटी है. भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी तो इस कवायद में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ट्राई सीरीज से ही जुट गए थे. पर परेशानी यह है कि धोनी जिन सवालों के साथ मैच में उतरते हैं, उनके जवाब मिलना तो दूर टीम के सामने कुछ और सवाल उठ खड़े होते हैं.

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WC: अभ्यास मैच में भी हारी टीम इंडिया

टीम इंडिया का बैटिंग लाइन अप क्या हो? गेंदबाजी क्रम क्या हो? कितने ऑलराउंडरों को टीम में जगह दी जाए? चार नियमित गेंदबाज के साथ उतरें या फिर तीन? स्लॉग ओवरों में गेंदबाजी कौन करेगा? ऐसे ही कई सवाल हैं जिनके जवाब अब तक मिलते हुए नहीं दिख रहे.

मैक्सवेल ने 15 गेंदों में बनाए 55 रन

हाल ये है कि टीम इंडिया का प्रदर्शन मैच दर मैच और खराब होता जा रहा है. रविवार को एक अभ्यास मैच में भारत को 106 रनों से हार का सामना करना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया ने पहले गेंदबाजी करते हुए 372 रन लुटाए और जवाब में सिर्फ 45.1 ओवरों में 265 रन बनाकर आउट हो गई.

अब प्रशंसकों के मन में ये सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह टीम अपने खिताब का सम्मानजनक तरीके से बचाव भी कर पाएगी या नहीं. क्रिकेट के कई जानकार मौजूदा टीम को क्वार्टर फाइनल से आगे जाते हुए नहीं देख रहे हैं. लेकिन ये सब तो बाद की बात है. फिलहाल नजर डालते हैं उन सवालों पर जिनके जवाब धोनी ढूंढ रहे हैं.

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1. किन गेंदबाजों को चुनें?
टीम इंडिया पिछले 45 दिनों से ज्यादा वक्त से ऑस्ट्रेलिया में है पर गेंदबाजों को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता. एक गेंदबाज नहीं है जिसपर भरोसा किया जाए कि वह विकेट दिला पाएगा. मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव, आर अश्विन और मोहित शर्मा कुछ पल के लिए स्पार्क दिखाते हैं पर दबाव में आते ही पूरी तरह से बिखर जाते हैं.

आलम यह है कि अगर भारत पहले बैटिंग करता है तो गेंदबाज किसी भी स्कोर का बचाव नहीं कर पाते और पहले गेंदबाजी करने की स्थिति में तो विरोधियों का 300 से ज्यादा रन बनाना तय दिखता है.

ईशांत शर्मा के चोटिल होने से धोनी की समस्या और बढ़ी है. भुवनेश्वर कुमार पूरी तरह से फिट नहीं हैं, साथ ही उनकी गेंदबाजी में वो धार नहीं दिख रही जिसकी उम्मीद टीम मैनेजमेंट को होगी. मोहम्मद शमी ने सबसे ज्यादा निराश किया है, टेस्ट सीरीज के घटिया प्रदर्शन का असर अब उनके वनडे परफॉर्मेंस भी दिख रहा है. पिच से ज्यादा मदद नहीं मिलने के कारण अश्विन की फिरकी में वो पैनापन नजर नहीं आता. कुछ ऐसा ही हाल रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल का भी है. दोनों न विकेट ले पाते हैं और न ही रन रुकता है. कुछ मैचों में बिन्नी ने नई गेंद से गेंदबाजी की शुरूआत की, उन्हें कुछ विकेट तो मिले हैं पर पेस की कमी विपक्षी बल्लेबाजों के पक्ष में जाती है.

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2. बल्लेबाजी को लेकर चिंता
टीम इंडिया का प्रदर्शन अब पूरी तरह से बल्लेबाजी पर निर्भर है. पर जिस तरह से कुछ मैचों में टीम नियमित 50 ओवर खेलने में भी नाकाम रही है, इसने धोनी की टेंशन और बढ़ा दी है. शिखर धवन ने गाबा टेस्ट में आखिरी बार अर्धशतक जड़ा था. इसके बाद वे हर मैच में सस्ते में आउट हुए. रोहित शर्मा फॉर्म में तो हैं, पर फिटनेस सवालों के घेरे में है. टेस्ट सीरीज में जबरदस्त प्रदर्शन करने के बाद विराट कोहली का बल्ला वनडे में अब तक खामोश रहा है. निचले मध्यक्रम बल्लेबाजी की जान माने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना पूरी तरह से आउट ऑफ फॉर्म हैं.

3. क्या होगा गेंदबाजी कॉम्बिनेशन?
धोनी किन गेंदबाजों पर भरोसा जताएंगे. यह बेहद ही अहम सवाल है. फिलहाल तेज गेंदबाज के तौर पर उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा का प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाना तय दिख रहा है. वहीं स्पिन की जिम्मेदारी आर अश्विन के कंधों पर होगी और ऑलराउंडर के तौर पर स्टुअर्ट बिन्नी का खेलना तय दिख रहा है. इस कॉम्बिनेशन के साथ दिक्कत यह है कि निचले क्रम में बल्लेबाजी थोड़ी कमजोर हो जाती है. कुछ जानकारों का कहना है कि टीम इंडिया की मजबूती स्पिन गेंदबाजी है ऐसे में हर मैच में दो स्पिनर को प्लेइंग इलेवन में शामिल करना चाहिए. खासकर रवींद्र जडेजा प्लेइंग इलेवन का हिस्सा रहें, वे बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण भी में योगदान दे सकते हैं.

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4. ओपनिंग और मध्यक्रम को लेकर कन्फ्यूजन
शिखर धवन का खराब फॉर्म. रोहित शर्मा की फिटनेस. रहाणे के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी. ओपनिंग बल्लेबाजी टीम इंडिया के गले की फांस बन गई है. धोनी के तय कर पाना मुश्किल हो गया है कि किस पर भरोसा जताया जाए. वैसे अभ्यास मैच में धवन और रोहित शर्मा से ओपनिंग करवाकर धोनी ने इस पहेली को कुछ हद तक सुलझाने लेने की ओर इशारा किया है. कोहली कहां पर बल्लेबाजी करें, तीसरे या चौथे नंबर पर. इसे लेकर संशय बरकरार है. कभी अंबाती रायडू तो कभी अजिंक्य रहाणे, टीम मैनेजमेंट बार-बार प्रयोग कर रहा है, पर कुछ भी ठोस नहीं निकला है अब तक. धोनी बार-बार ये शिकायत कर रहे हैं कि टीम की बल्लेबाजी में गहराई की कमी है. ऐसे में वह 7 बल्लेबाज और चार गेंदबाज के साथ मैदान पर उतरने का जोखिम उठाएंगे.

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