कैप्टन कूल धोनी,
हमें पूरा भरोसा था कि तुम फिर से वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाओगे, एक बार फिर हमें अहसास दिलाओगे कि वर्ल्ड चैंपियन बनकर कैसा लगता है... लेकिन ये हो नहीं पाया. टीम इंडिया सेमीफाइनल में हारी और हमारा वर्ल्ड कप खिताब बचाने का सपना भी चकनाचूर हो गया. करोड़ों फैन्स की तरह मुझे भी बहुत तकलीफ हुई, लेकिन एमएसडी इस हार के बावजूद मैं तुम्हें शुक्रिया कहना चाहती हूं और हर एक इंडियन फैन की तरफ से तुमका बहुत बड़ा 'थैंक यू...'
सेमीफाइनल में मिली हार तुम्हें भी टीस दे रही होगी और उसके बाद मीडिया में चलाई गई खबरें कि दक्षिण अफ्रीकी कप्तान एबी डिविलियर्स तो मैदान पर रोया सेमीफाइनल हार कर और तुम हार कर भी रोए नहीं. क्रिकेट को लेकर तुम्हारे कमिटमेंट पर सवाल उठाया गया और सोशल मीडिया पर जमकर जोक भी बनाया गया. लेकिन मजाक उड़ाने वाले क्या जानें कि हमारा कैप्टन कूल किस मिट्टी का बना है. तुम्हें कैप्टन कूल ऐसे ही नाम नहीं दिया गया, तुम तो शुरू से ऐसे ही हो. ज्यादा कामयाबी पर कभी जोश से नहीं भरे और नाकामयाबी पर कभी आंसू नहीं बहाया. धोनी तुमने तो करोड़ों क्रिकेट फैन्स को सिखाया कि टेंपरामेंट होता क्या है? प्रेशर में जब एक एक करके दूसरी छोर से विकेट गिर रहे थे, तुम तब भी उम्मीद बंधाए हुए थे.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब तक तुम क्रीज पर थे तब तक तो कंगारुओं ने भी चैन की सांस नहीं ली थी. प्रेशर में तुम जिस तरह से खेलते हो उससे लाखों करोड़ों युवा क्रिकेटरों को सीख लेनी चाहिए. तुमने जिस तरह से टीम इंडिया को फर्श से अर्श तक पहुंचाया उस पर किसी को भी शक नहीं है और जो इस पर शक करते हैं उन्हें क्रिकेट की समझ नहीं है. तुम दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे, टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास घोषित कर दिया. टेस्ट में मिली हार फिर ट्राई सीरीज में मिली हार से मायूस टीम इंडिया को दोबारा एक धागे में बांधा और फिर वर्ल्ड कप में हमें 7 लगातार जीत दिलाई.
वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया का फॉर्म देखकर हमारे लिए क्वार्टर फाइनल तक का सफर भी मुश्किल लग रहा था लेकिन तुम्हारे नेतृत्व में हम सेमीफाइनल तक पहुंचे. क्रिकेट फैन होने के नाते हमें इस बात की तकलीफ हमेशा रहेगी कि हम सेमीफाइनल में लड़कर नहीं हारे. लेकिन तुम अकेले ही लड़े और जब तक मुमकिन था लड़ाई की. हार जीत तो खेल का हिस्सा है और ये सब तो चलता रहता है. एक और बात तुम्हारे आलोचकों को याद दिलाना बहुत जरूरी है, तुम वर्ल्ड कप और देश के नाम पर अपनी बच्ची से मिलने तक नहीं गए. 6 फरवरी को तुम पिता बने और भारत का पहला मैच 15 फरवरी को था, तुम चाहते तो अपनी बच्ची से मिलने जा सकते थे, लेकिन तब तुमने कहा, 'बाकी सब इंतजार कर सकता है, देश सबसे ऊपर है.' ऐसे खिलाड़ी के कमिटमेंट पर सवाल उठाना किसी गुनाह से कम नहीं है.
क्रिकेट फैन्स बड़े भावुक होते हैं और भावनाओं में बहकर आलोचना करते समय ये नहीं सोचते कि वो भी किसी की भावनाओं को आहत कर रहे हैं. धोनी तुमने 2007 में हमें टी-20 वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया था. 2007 वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की जो दुर्गति हुई थी उसके बाद क्रिकेट फैन्स ने उम्मीद छोड़ दी थी कि टी-20 वर्ल्ड कप में कुछ हो सकता है. तुमने अपने एक्सपेरिमेंट से हमेशा सबको चौंकाया है. तुम भारत के ही नहीं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में शुमार हो. बड़े बालों वाले युवा धोनी से तुम्हें हमने परिपक्व कप्तान होते देखा है और हर बार तुमसे कुछ नया सीखा है.
टेस्ट में तुमने हमें बेस्ट बनाया, 2011 वर्ल्ड कप खिताब जिताया. फाइनल में वानखेड़े स्टेडियम में तुम्हारे छक्के की गूंज सालों साल रहेगी. उस छक्के के बाद तुम्हारे चेहरे पर संतुष्टि का जो भाव था वो हमारे जहन में हमेशा ताजा रहेगा. तुमने ही हमें चैंपियंस ट्रॉफी में भी विजेता बनाया. टीम इंडिया कैसी भी स्थिति में पर तुमको हर परिस्थिति से निपटना आता है. धोनी तुम पर हमें इतना विश्वास है कि जब तुम रेफरल लेते हो तो हम तीसरे अंपायर के फैसले का इंतजार भी नहीं करते और बोलते हैं कि धोनी ने लिया है रेफरल आउट ही होगा. लेकिन सेमीफाइनल में रविंद्र जडेजा की गेंद पर तुमने रेफरल लिया. हालांकि तुम कॉन्फिडेंट नजर नहीं आए और हम तभी मान चुके थे कि स्टीव स्मिथ बच गया है और हुआ भी कुछ ऐसा ही. धोनी तुमने इंडियन क्रिकेट को इतना कुछ दिया है कि आलोचनाओं और तारीफों से तुम ऊपर उठ चुके हो.
तुम्हारे जैसे खिलाड़ी, कप्तान और इंसान की जरूरत हमेशा ही टीम इंडिया को रहेगी. धोनी तुम हारे नहीं हो, तुम थके नहीं हो और आने वाले समय में तुम्हारे आलोचकों को भी इस बात को मानना ही पड़ेगा. तुम विजेता थे, हो और हमेशा रहोगे.