कूल कैप्टन धोनी,
जब मुझे ये भी नहीं पता था कि क्रिकेट मैच के एक ओवर में कितनी गेंद होती हैं, तब बड़े से बाल लिए लंबे गठीले बदन वाला एक प्लेयर अच्छा लगता था. 2006 में पाकिस्तान को हराने के बाद परवेज मुशर्रफ ने भी उसके बड़े बालों को लेकर अपनी दीवानगी जाहिर करते हुए बाल न कटवाने की सलाह दे दी थी. लेकिन असली मजा तो तब आया जब उस प्लेयर ने भारत लौटते ही अपने बाल कटवा लिए.
मुशर्रफ की बात अपने दिमाग में सेट किए बालों का नया लुक देखते ही मुझ जैसे तमाम स्कूल में पढ़ने वाले लड़कों का 22 इंच का सीना खुशी से फूल गया था. लगा कि इस बंदे को देश का पीएम होना चाहिए. मिजाज तो ऐसा ही होना चाहिए अक्खड़ और मनमौजी. लेकिन उस शख्स को तो भारत का सबसे करिश्माई कप्तान बनना था. महेंद्र सिंह धोनी बनना था. लेकिन अब उसी धोनी ने अचानक क्रिकेट के सबसे पुराने फॉरमेट टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया है.
मेरे अलावा पूरा देश आज कुछ दुखी सा है क्योंकि तुमसे लगाव कुछ ज्यादा ही हो गया था. लेकिन अपने मन की बातें तुम्हें इस पल बताना मुवासिब लग रहा है. शुक्रिया धोनी, बिना कोई तमाशा खड़ा किए टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने के लिए. जानकर खुशी हुई कि जैसे तुम क्रिकेट में अचानक आकर सनसनी फैला गए थे, ठीक उसी तरह तुमने टेस्ट क्रिकेट को अचानक अलविदा कह दिया. ऐसे दौर में जब क्रिकेट के भगवान को सहूलियत भरी विदाई देने के लिए अपनी जमीं पर 'कमजोर टीम' के साथ सीरीज बीसीसीआई ने आयोजित की, इस दौर में तुमने मैच खत्म होते ही विदाई ले ली. हालांकि कई मायनों में ये विदाई तुम्हारे बहुत से प्रशंसकों को अखरी भी होगी लेकिन शुरुआती दिनों में जिस मिजाज के साथ तुम आए थे, ठीक उसी मिजाज के साथ तुमने टेस्ट क्रिकेट से विदा ले ली.
ग्रेग चैपल की 'आओ बहन चुगली करें' दौर के बाद टीम में जिस तरह से तुमने एक बार फिर टीम और देश में भरोसा पैदा किया, ये टीम के खिलाड़ियों समेत क्रिकेट के करोड़ों प्रशंसकों को मैदान से दूर साफ दिखता था. मुरली विजय की खराब फॉर्म के बाद पूरी टीम से अलग राय रखते हुए तुमने मुरली पर जो विश्वास जताया था, उसके लिए शुक्रिया धोनी. टेस्ट क्रिकेट में पहले पायदान पर तुम्हारी कप्तानी में पहुंचना यकीनन तुम्हारी बेहतर कप्तानी को साबित करता है. तुमने अपने क्रिकेट करियर के हर दौर में अपने आपको साबित ही किया है. 50 ओवर और पांच दिन तक बैटिंग करने वाले खिलाड़ियों के साथ तुमने पहले ही टी-20 वर्ल्डकप में टीम के शानदार प्रदर्शन के साथ टी-20 के विश्व चैंपियन का खिताब भारत को दिलाया. वर्ल्डकप खिताब जीतने के बाद सुनहरे कप के साथ जब तुम और बाकी खिलाड़ी मैदान में झूम रहे थे, तब हर गली नुक्कड़ में लाल रंग के मुर्गा छाप पटाखे फोड़ते हुए लड़के धोनी-धोनी के नारे लगाने से नहीं चूक रहे थे. जीत के उस एहसास को हमारे जेहन में भीतर तक पहुंचाने के लिए शुक्रिया धोनी.
परंपरा है और माना भी जाता है कि विदाई के वक्त सब अच्छा-अच्छा कहा जाता है. लेकिन तुम्हारा मिजाज परंपराओं से अलग है और तुम्हारी ये विदाई अभी सिर्फ एक तिहाई ही है, इसलिए तुम्हारे प्रशंसकों के दिल की कुछ बातें तुम्हारे सामने रख ही देना चाहता हूं. बीते कुछ वक्त से ही विदेशी पिच पर भारत की हार तुम्हारे फैंस के मन में तमाम सवाल छोड़ रहे थे. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विराट कोहली की कप्तानी पहले मैच में काबिल-ए-तारीफ थी. इस बात से वाकिफ होने के बाद भी क्यों तुमने दूसरे और तीसरे मैच में कप्तानी चुनना पसंद किया. चूंकि प्रशंसकों को इस बात की खबर नहीं थी कि तुम्हारे ये अंतिम टेस्ट मैच हैं, इसके बाद भी तुमने बेहतर कप्तानी कर रहे कोहली से कप्तानी खुद लेना बेहतर समझा. हमेशा टीम के लिए सोचने वाले हमारे धोनी का यह कदम प्रशंसकों के अब गले से कुछ नीचे नहीं उतर रहा है. वनडे टीम में तुम्हारी विकेट कीपिंग में अब वो पहले जैसी धार देखने को नहीं मिलती है. तो ऐसे में क्या तुम टीम में सिर्फ एक बल्लेबाज की तरह ही खेलोगे. क्योंकि हम जिस धोनी को जानते थे वो तो ऐसा न था. खेलना आप हमसे बेहतर जानते हैं धोनी. लेकिन बतौर प्रशंसक जिस 2015 के क्रिकेट वर्ल्डकप के सपने आपने देश को दिखाए हैं, उसकी जिम्मेदारी आपको याद दिलाना भी जरूरी हो जाता है.
पूरे देश की उम्मीदें अब आप से ज्यादा बढ़ गई हैं. इस बात को ध्यान रखिएगा धोनी कि वनडे क्रिकेट वर्ल्डकप ऑस्ट्रेलिया में ही है. आप पर निगाहें कुछ पैनी होंगी. धोनी टेस्ट से विदाई के बाद अब आपको विराट कोहली की अहमियत को भी अच्छे से समझना होगा. विराट दिल्ली का कड़क लौंडा है, यह बात आप समझते ही होंगे. टीम में आपके साथी संगत खिलाड़ियों को भी इस बात का इल्म करवा दीजिएगा कि अब आप टेस्ट क्रिकेट में नहीं रहे. हुकुमत कोहली के हाथ में है और कोहली का मिजाज तुम जैसा तो कतई नहीं है. युवराज की बात तो आपको याद होगी ही कि जब तक बल्ला बोलता है, तब तक ही ठाठ है. ये दुखद है कि टेस्ट क्रिकेट में तुम्हारा बल्ला अब नहीं बोल पाएगा. पर उम्मीद है कि वनडे और क्रिकेट वर्ल्डकप में तुम्हारा ठाठ उसी धोनी जैसी रहेगी, जो एक विज्ञापन में कहता दिखता है, कस के पकड़, जम के जकड़..लगा. गेम को बदलने का और वक्त से पहले टेस्ट से संन्यास लेकर गेम को चेंज करने का फैसला अब तुम्हें ही सही साबित करना होगा टीम इंडिया के करिश्माई कप्तान धोनी.
कप्तान धोनी का एक प्रशंसक...