पाकिस्तान को एशिया कप 2022 के अपने पहले मैच में भारत के खिलाफ पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इस रोमांचक मुकाबले के दौरान आईसीसी का एक नियम भी सुर्खियों में रहा. दरअसल दोनों ही टीमों को 17 ओवर के बाद एक खिलाड़ी को 30 गज के घेरे में वापस लाना पड़ा क्योंकि वे समय पर इनिंग्स नहीं खत्म कर पाए.
कोई भी कप्तान नहीं चाहेगा कि डेथ ओवरों में उसके ज्यादा फील्डर 30 यार्ड सर्किल में खड़े हों क्योंकि बल्लेबाज अंतिम ओवरों में बड़े शॉट्स लगाते हैं. टीम इंडिया को अंतिम तीन ओवरों में 32 रनों की जरूरत थी लेकिन हार्दिक पंड्या ने दो गेंद बाकी रहते भारत को मैच जिता दिया. अगर पाकिस्तान को 30 यार्ड सर्किल के बाहर 5 खिलाड़ियों को उतारने की अनुमति दी जाती, तो चीजें अलग हो सकती थीं.
जनवरी में आया था ये नियम
टी20 क्रिकेट में स्लो-ओवर रेट को लेकर आईसीसी ने इस साल जनवरी में नया नियम बनाया था. इस नियम के मुताबिक कोई टीम ओवर रेट में तय समय से पीछे होगी, तो बाकी के बचे ओवरों में 30 गज के दायरे से बाहर एक कम प्लेयर को अनुमति दी जाएगी.ऐसे में अतिरिक्त फील्डर 30 गज के दायरे में खड़ा रहेगा. वैसे पावरप्ले के बाद 30 गज के बाहर पांच क्षेत्ररक्षक रह सकते हैं, लेकिन ओवर रेट के लिए पेनल्टी मिलने पर चार फील्डर ही बाहर रह पाते हैं.
आकाश चोपड़ा इस नियम को लेकर काफी खुश है. आकाश चोपड़ा ने ट्वीट किया, 'यदि आप निर्धारित समय में अपने ओवर खत्म नहीं करते हैं तो सर्किल के अंदर एक अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक होना टी 20 क्रिकेट के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक है. एक अतिरिक्त फील्डर डेथ ओवरों में गेंदबाजी की योजना को पटरी से उतार देता है. टीमों को आगे बढ़ने के लिए मजबूर करने का सबसे अच्छा तरीका.'
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा हार्दिक पंड्या के प्रदर्शन से काफी प्रभावित हुए. उनके वहां होने से भारत कई कॉम्बिनेशन को आजमा सकता है और भारत को यह आगे बढ़ने में मदद कर सकता है. चोपड़ा कहते हैं, 'एक फिट हार्दिक पंड्या 24 कैरेट गोल्ड हैं. इस प्रारूप में भारत के किस्मत की कुंजी.'
हार्दिक ने दिखाया गजब का जज्बा
हार्दिक पंड्या ने दिखाया कि भारतीय टीम में उन्हें रिप्लेस करना क्यों बहुत मुश्किल है. हार्दिक की नाबाद 33 रनों की धमाकेदार पारी और 3 सफलताओं ने भारत को एशिया कप के अपने पहले ही मैच में पाकिस्तान को ध्वस्त करने में मदद की. इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही हार्दिक ने एक बार फिर अपनी मानसिक दृढ़ता और मैच को फिनिश करने की अपनी क्षमता साबित की.