रणजी ट्रॉफी ग्रुप ‘ए’ के मुकाबले में दिल्ली जैसी मजबूत टीम को घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा. उन्मुक्त चंद (0), कप्तान गौतम गंभीर (4), अपने दूसरे ही रणजी मैच में शतक जमाने वाले ध्रुव शोरे (1) और नीतीश राणा (0) उन पहले चार खिलाड़ियों में थे जो बोर्ड पर केवल 8 रनों के योग पर पवेलियन लौट चुके थे.
युवा कृष्णा की घातक गेंदबाजी
दिल्ली की इस हालत का जिम्मेदार बना असम का 25 वर्षीय युवा तेज गेंदबाज कृष्णा दास. उसने टॉस जीतकर दिल्ली को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाने का अपने कप्तान गोकुल शर्मा का फैसला सही साबित करते हुए घातक गेंदबाजी की. कृष्णा ने मैच की पहली ही गेंद पर उन्मुक्त को एलबीडब्ल्यू आउट किया फिर अपने दूसरे ओवर में उन्होंने ध्रुव और नीतीश को पवेलियन भेजा. इसके बाद अरूप ने गौतम गंभीर का विकेट चटकाया. तब दिल्ली का स्कोर आठ रन पर चार विकेट था.
इसके बाद हालांकि मनन शर्मा (नाबाद 45), मिलिंद कुमार (45), पुनीत बिष्ट (23) और प्रदीप सांगवान (12) उन चार बल्लेबाज बने जो दोहरे अंक तक पहुंचने में कामयाब रहे लेकिन टीम केवल 149 रन पर ढेर हो गई. असम की टीम ने केवल 59.4 ओवर्स में दिल्ली के सभी 10 क्रिकेटर्स को पवेलियन भेज दिया.
कृष्णा ने दिल्ली की पहली पारी में जहां चार वहीं अरूप ने तीन विकेट लिए. इसके अलावा सैयद मोहम्मद, पल्लव कुमार दास और अमित वर्मा ने एक एक विकेट लिए.
असम को आठ रन की लीड
असम की पारी शुरू हुई तो दूसरे बदलाव के रूप में सांगवान ने भी परिस्थितियों का फायदा उठाकर राहुल हजारिका (19), अमित वर्मा (शून्य) और कप्तान गोकुल शर्मा (24) को आउट किया. हालांकि गोपाल और अरुणकार्तिक ने दिल्ली के गेंदबाजों को कुछ देर जरूर निराश किया लेकिन 48वें ओवर की लगातार दो गेंदों पर मनन शर्मा ने दो विकेट चटका कर असम की कमर तोड़ दी. मनन ने पारी में चार विकेट लिए और असम की टीम अपनी पहली पारी में केवल 157 रन (आठ रनों की बढ़त के साथ) ही बना सकी.
गंभीर दूसरी पारी में शून्य पर आउट
दिल्ली की दूसरी पारी में कप्तान गौतम गंभीर को कृष्णा दास अपने पहले ही ओवर में शिकार बना चुके हैं. गंभीर अपना खाता भी नहीं खोल सके. मैच अभी जारी है और दिल्ली पर हार का संकट बरकरार है.