ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान माइकल क्लार्क ने मौजूदा एशेज सीरीज के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है. उन्होंने ट्रेंट ब्रिज मैदान पर मिली हार के बाद कहा कि उनका प्रदर्शन उन्हें खुद को स्वीकार्य नहीं है और इसलिए वो इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं.
ओवल में 20 अगस्त से खेला जाने वाला एशेज सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच क्लार्क के करियर का भी आखिरी इंटरनेशनल मैच होगा. क्लार्क ने 2015 वर्ल्ड कप जीतने के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास लिया था.
इसका मतलब यह होगा कि बांग्लादेश के साथ होने वाली सीरीज में स्टीव स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान होंगे. क्लार्क ने ट्रेंट ब्रिज टेस्ट से पहले कुछ और समय तक खेलते रहने की इच्छा जाहिर की थी लेकिन चौथे टेस्ट में टीम के खराब प्रदर्शन के कारण वह अपना मन बदलने पर मजबूर हुए.
तीन साल तक रिकी पोंटिंग के नायब रहने के बाद क्लार्क ने अप्रैल 2011 में कप्तानी संभाली थी. अगस्त में वह हालांकि श्रीलंका के खिलाफ पूरी सीरीज के लिए कप्तान चुने गए थे. क्लार्क ने ऑस्ट्रेलिया के लिए अब तक कुल 113 टेस्ट मैचों में 49.73 के औसत से कुल 8628 रन बनाए हैं. उन्होंने 28 सेंचुरी और 27 पचासा जड़े हैं. 329 नाबाद उनका बेस्ट स्कोर है.
ट्रेंट ब्रिज टेस्ट में उन्होंने दो पारियों में 10 और 13 रन बनाए. क्लार्क ने इस शर्मनाक हार के बाद कहा, 'मेरे पास एक और टेस्ट मैच है. यह मेरे करियर का आखिरी टेस्ट होगा और उसके बाद मैं संन्यास ले लूंगा. मैं बीच मझधार में टीम को नहीं छोड़ना चाहता इसलिए आखिरी टेस्ट मैच खेलूंगा. आप कभी भी खेल से दूर नहीं जाना चाहते हैं लेकिन मेरा प्रदर्शन मेरे खुद के लिए स्वीकार्य नहीं है. आप बड़ी सीरीज के लिए खुद को तैयार करते हो, मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया लेकिन अब समय आ गया है कि नया कप्तान अगली एशेज सीरीज के लिए टीम को तैयार करे.'
एशेज में क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 7 टेस्ट मैच गंवाए हैं, जो किसी भी ऑस्ट्रेलियाई कप्तान द्वारा सबसे ज्यादा हारे गए मैच हैं.