क्रिकेट की दुनिया में 28 अप्रैल का दिन ऑस्ट्रेलिया के लिए बेहद खास है. आज से 15 साल पहले यानी 2007 में इसी दिन कंगारू टीम ने वनडे वर्ल्ड कप जीत की हैट्रिक लगाई थी. तब फाइनल में श्रीलंकाई टीम सामने थी और मैदान था वेस्टइंडीज के बारबाडोस का किंग्सटन ओवल.
2003 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल खेलने वाली टीम इंडिया 2007 टूर्नामेंट के पहले राउंड में ही पाकिस्तान के साथ बाहर हो गई थी. जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने तीसरी बार फाइनल में जगह बनाई. उसने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 4 विकेट पर 281 रन बनाए थे. बारिश से बाधित इस मैच में श्रीलंका टीम 36 ओवर में 8 विकेट पर 215 रन ही बना सकी और 53 रन से खिताब गंवा दिया था.
फाइनल का हीरो अचानक बन गया विलेन
यहां तक तो आपने मैच के बारे में जानकारी ली है. पर असली कहानी यह है कि इस मैच का हीरो ही बाद में फैन्स के बीच विलेन बन गया था. यह हीरो ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट थे. उन्होंने मैच में 149 रनों की पारी खेली थी. शतक लगाते ही हर तरफ उनकी वाहवाही हो रही थी, लेकिन तभी उन्होंने हाथ उठाकर बैट और अपना ग्लव्स दिखाया, तो फैन्स एकदम नाराज हो गए.
गिली ने ग्लव्स में स्क्वैश बॉल छिपाकर बैटिंग की थी
दरअसल, गिलक्रिस्ट के एक ग्लव्स के अंदर कुछ गोल सी चीज दिखाई दे रही थी. इसे कैमरे के साथ मैदान में मौजूद क्रिकेट फैन्स और श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने भी देखा. इसके बाद गिलक्रिस्ट पर बेईमानी का धब्बा सा लग गया. अपनी मैच विनिंग पारी और खिताब जीतने के बाद गिलक्रिस्ट ने बताया था कि उन्होंने अपने ग्लव्स के अंदर एक स्क्वैश की बॉल छुपा रखी थी. इससे बल्ले की ग्रिप मजबूत होती. क्रिकेट में ये कोई नई तकनीक नहीं है. हां, लेकिन बहुत से लोग इसे मैच में इस्तेमाल नहीं करते.
बाद में यह भी पता चला कि गिलक्रिस्ट को ये ट्रिक उनके बैटिंग कोच बॉब म्यूलोमेन ने सिखाई थी. इस पूरे मामले के बाद बॉब ने कहा था कि मैंने गिली के साथ 12-13 साल तक स्क्वैश बॉल के साथ प्रैक्टिस की थी. लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल मैच में अब किया है.
ऐसी घटना पर क्या कहता है क्रिकेट का नियम?
फाइनल खत्म हुआ, खिताब को कंगारू टीम अपने घर ले गई. गिलक्रिस्ट हीरो से विलेन बन गए. इसी बीच श्रीलंकाई क्रिकेट बोर्ड ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से इस पूरे मामले की शिकायत की. तब श्रीलंकन बोर्ड ने कहा था कि गिलक्रिस्ट ने क्रिकेट की परंपरा और खेल भावना को चोट पहुंचाई है. तब इसके जवाब में क्रिकेट के नियम बनानी वाली संस्था मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने शिकायत को गलत बताया, क्योंकि क्रिकेट नियम में ऐसी घटना को रोकने के लिए कोई नियम ही नहीं था. ऐसे में गिलक्रिस्ट को बेईमान कहना भी गलत माना गया.