टी20 क्रिकेट हालिया सालों में काफी लोकप्रिय हुआ है. टी20 क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में बिग बैश, आईपीएल जैसे लीगों का अहम रोल रहा है. इसके अलावा भी दुनिया भर में कई सारे टी20 लीगों की शुरुआत हुई है. अगले साल साउथ अफ्रीका टी20 लीग और इंटरनेशनल टी20 लीग (ILT20) का भी आयोजन होने जा रहा है.
अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने दुनिया भर में टी20 लीग के बढ़ने पर चिंता प्रकट की है. चैपल का मानना है कि टी20 लीग खरपतवार (Weeds) की तरह काफी तेजी से फैल रही है. इसके चलते अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर पर फर्क पड़ रहा है. चैपल ने ईएसपीएन क्रिकइंफो से कहा, 'पूरे क्रिकेट ढांचे, विशेष रूप सेल फ्यूचर टूर प्रोग्राम (FTP) को ध्यान में रखते हुए इसकी समीक्षा की जरूरत है. टी20 लीग गर्मियों में खरपतवार से भी अधिक तेजी से बढ़ रही है.'
क्लिक करें- कोहली भी हो गए हैरान... लिटन दास ने बाज की तरह हवा में झपटा कैच
चैपल कहते हैं, 'टी20 लीग के प्रसार के बीच खिलाड़ियों को अब यह चुनने की आवश्यकता है कि उसे किस लीग में खेलना है और किसे छोड़ना है. टी20 लीग अब आपस में टकरा रही हैं और स्टार खिलाड़ी क्लबों के विस्तार के साथ ही लंबे टर्म के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर रहे हैं. मौजूदा माहौल में कुछ लीग सीमित संख्या में उपलब्ध स्टार खिलाड़ियों को अनुबंधित करने में सक्षम नहीं होंगी इससे उन लीग को आर्थिक रूप से नुकसान हो सकता है.'
चैपल ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर भी जताई चिंता
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'ये सभी मामले हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि खेल के भविष्य में खिलाड़ियों की बात सुनी जाए. टेस्ट क्रिकेट के बारे में बात करते हुए चैपल ने कहा कि पारंपरिक प्रारूप बेहतर होगा यदि यह उन देशों तक सीमित रहे जिनके पास एक मजबूत प्रथम श्रेणी ढांचा है.
चैपल ने बताया, 'टेस्ट क्रिकेट एक कठिन खेल है और खिलाड़ी इस प्रारूप में भाग लेने के हकदार हैं यदि यह उनकी पसंद है. हालांकि इसमें शामिल देशों के पास मजबूत फर्स्ट क्लास ढांचे की आवश्यकता है. कई टीमों के पास इस तरह के बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए पैसा नहीं है क्योंकि इस खर्चे से हुए निवेश में मुनाफा नहीं होता. मुनाफा देने वाली टी20 लीग को प्रशासक अधिक पसंद करते हैं. टेस्ट दर्जा मुख्य रूप से आठ देशों तक ही सीमित है रहना बेहतर है जिनके पास इस प्रारूप की एक लंबी संस्कृति है.'