ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम अपने घर के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में पिछले दो टेस्ट से बहुत ही अनलकी साबित हुई है. इस बार एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 388 रन का टारगेट दिया. यह पूरा मैच कंगारू टीम की पकड़ में था, लेकिन आखिर में पुछल्ले बल्लेबाजों ने मैच बचा लिया और मेजबान टीम को ड्रॉ खेलने पर मजबूर कर दिया.
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इससे ठीक पहले इसी मैदान पर भारतीय टीम के खिलाफ टेस्ट खेला था. पिछले साल 7 जनवरी को खेले गए इस टेस्ट में भी वही हुआ था, जो इस बार इंग्लैंड ने किया है. दरअसल, उस मैच में भी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 407 रन का टारगेट देकर मैच अपनी मुट्ठी में कर लिया था, लेकिन तब भी भारत के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने कंगारू टीम के मुंह से जीत छीनते हुए टेस्ट ड्रॉ करा दिया था.
258 गेंदों का सामना कर अश्विन-विहारी ने टेस्ट ड्रॉ कराया
भारतीय टीम के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 407 रन का टारगेट सेट किया था. मैच के आखिरी दिन भारतीय टीम को जीत के लिए 309 रन चाहिए थे और ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 8 विकेट की तलाश थी. यहां से ऑस्ट्रेलिया ने शिकंजा कसना शुरू किया और 272 रन पर ही भारत की आधी टीम पवेलियन भेज दी थी.
यहां से रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने मोर्चा संभाला. दोनों ने छठे विकेट के लिए नाबाद 62 रन की पार्टनरशिप कर टेस्ट ड्रॉ करा दिया. बड़ी बात यह थी कि अपनी इस पार्टनरशिप में दोनों बल्लेबाजों ने 258 गेंदों का सामना किया था.
जैक लीच और स्टुअर्ट ब्रॉड ने टेस्ट बचाया
ऐसा ही कुछ इतिहास इंग्लैंड ने दोहराया है. एशेज सीरीज का चौथा टेस्ट 5 जनवरी से सिडनी के मैदान पर खेला गया. इसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 388 रन का टारगेट सेट किया था. टेस्ट के आखिरी दिन इंग्लैंड टीम को 358 रन चाहिए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया को पूरे 10 विकेट लेने थे.
कंगारू टीम ने दिन खत्म होने तक 9 विकेट हासिल कर लिए थे, लेकिन आखिरी विकेट के तौर पर जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड क्रीज पर जमे रहे और टेस्ट ड्रॉ करा दिया. दोनों ने मिलकर सिर्फ 12 बॉल खेलीं. इससे पहले टेस्ट को ड्रॉ कराने के लिए जैक लीच ने जॉनी बेयरस्टो और स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ दो बड़ी पार्टनरशिप की.
मेजबान ऑस्ट्रेलिया टीम 11 साल से सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में हारी नहीं है. पिछली बार इंग्लैंड टीम ने ही इस मैदान पर उसे शिकस्त दी थी. यह हार जनवरी 2011 में हुई थी. इस टेस्ट में इंग्लैंड टीम पारी और 83 रन से जीती थी.