तीन सदस्यीय जांच समिति ने बीसीसीआई सीईओ राहुल जोहरी को यौन उत्पीड़न के आरोपों से दोषमुक्त करार दिया है. समिति ने कम से कम दो महिलाओं के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें ‘मनगढ़ंत’ बताया. जोहरी को पिछले तीन हफ्ते से छुट्टी पर जाने को बाध्य किया गया, लेकिन अब वह काम पर लौट सकते हैं.
प्रशासकों की समिति (सीओए) की ओर नियुक्त जांच समिति के एक सदस्य ने हालांकि उनके लिए ‘लैंगिक संवेदनशील काउंसिलिंग’ की सिफारिश की है. इस मुद्दे पर दो सदस्यीय प्रशासकों की समिति का रुख बंटा हुआ था. अध्यक्ष विनोद राय ने जोहरी के काम पर लौटने को स्वीकृति दी, जबकि डायना एडुल्जी ने कुछ सिफारिशों के आधार पर उनके इस्तीफे की मांग की जिसमें काउंसिलिंग भी शामिल है.
जांच समिति के प्रमुख न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राकेश शर्मा ने अपने निष्कर्ष में कहा, ‘कार्यालय या कहीं और यौन उत्पीड़न के अरोप झूठे, आधारहीन और मनगढ़ंत हैं, जिनका मकसद राहुल जोहरी को नुकसान पहुंचाना था.’
तीन सदस्यीय जांच समिति में दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह और वकील कार्यकर्ता वीणा गौड़ा भी शामिल थीं. वीणा ने बर्मिंघम में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान एक शिकायतकर्ता से ‘अनुचित बर्ताव’ के लिए जोहरी की काउंसिलिंग की सलाह दी.
वीणा ने हालांकि कहा कि जोहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का कोई मामला नहीं बनता. सीओए ने 25 अक्टूबर को गठित इस समिति को जांच पूरी करने के लिए 15 दिनों का समय दिया था. इसकी रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को भी सौंपी जाएगी.
UPDATE: The independent inquiry committee handed over their report to the CoA at 11: 30 AM today during a meeting held at the BCCI HQ. pic.twitter.com/50m7vjqww8
— BCCI (@BCCI) November 21, 2018
सीओए की सदस्य एडुल्जी चाहती हैं कि बुधवार को यह रिपोर्ट प्रकाशित नहीं हो और उन्होंने मांग की कि इसका अध्ययन करने के लिए उन्हें कम से कम कुछ दिन का समय दिया जाए. सीओए प्रमुख विनोद राय ने हालांकि समिति के सदस्यों और बीसीसीआई की विधि टीम के समक्ष रिपोर्ट को खोल दिया. एडुल्जी समिति के गठन के खिलाफ थीं और चाहती थीं कि आरोपों के आधार पर जोहरी को बर्खास्त किया जाए, जबकि राय का मानना था कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार किसी कार्रवाई से पहले जांच जरूरी है.
जोहरी के खिलाफ सबसे पहले यौन दुराचार के आरोप एक गुमनाम ई-मेल में लगाए गए थे, जिसे ट्विटर पर डाला गया. बाद में इस पोस्ट को हटा दिया गया. आरोपी का दावा था कि जोहरी की पिछली नौकरी में वह उसके साथ काम करती थी. इसके बाद दो और आरोप लगाए गए. इसमें से एक सिंगापुर में रहने वाली मीडिया पेशेवर और एक अन्य महिला थी, जो जोहरी के साथ उनके पिछले संस्थान में काम कर चुकी थी.
इन दोनों महिलाओं ने स्काइप के जरिए सुनवाई में हिस्सा लिया. इसके अलावा बीसीसीआई की भ्रष्टाचार रोधी इकाई के पूर्व प्रमुख नीरज कुमार, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, आईपीएल याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा और मुंबई के पूर्व कप्तान शिशिर हतंगड़ी ने भी सुनवाई में हिस्सा लिया.
इसके अलावा जोहरी के खिलाफ बीसीसीआई की महिला कर्मचारी के साथ भी अनुचित व्यवहार का आरोप लगा. इस महिला कर्मचारी ने हालांकि सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया। जौहरी गवाही के लिए पहुंचने वाले अंतिम व्यक्ति थे जो दो दिन चली.