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Exclusive: BCCI क्लीनअप में धोनी, शास्त्री और गावस्कर का ज्यादा नुकसान

BCCI अध्यक्ष शशांक मनोहर के सफाई अभियान में इंडियन क्रिकेट टीम के एक्टिंग डायरेक्टर रवि शास्त्री, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल 9 नवंबर से लागू हो रहे हितों के टकराव संबंधी नियमों में कम से कम तीन ऐसे प्वाइंट्स हैं जो कि इन तीनों का नुकसान कराएंगे.

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शशांक मनोहर (फाइल फोटो)
शशांक मनोहर (फाइल फोटो)

BCCI अध्यक्ष शशांक मनोहर के सफाई अभियान में इंडियन क्रिकेट टीम के एक्टिंग डायरेक्टर रवि शास्त्री, पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर और टीम इंडिया के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नुकसान उठाना पड़ सकता है. दरअसल 9 नवंबर से लागू हो रहे हितों के टकराव संबंधी नियमों में कम से कम तीन ऐसे प्वाइंट्स हैं जो कि इन तीनों का नुकसान कराएंगे.

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पेड कॉमेंटेटर को BCCI में पोस्ट नहीं
इन नियमों के मुताबिक कोई भी पेड कॉमेंटेटर बीसीसीआई में (आईपीएल समेत) किसी भी पोस्ट पर नहीं रह सकता. आपको बता दें कि रवि शास्त्री पेड कॉमेंटेटर होने के साथ ही आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल के मेंबर भी हैं. 9 नवंबर से इन नियमों के लागू हो जाने के बाद उन्हें गवर्निंग काउंसिल और कॉमेंट्री में से एक को चुनना होगा जो कि उनके लिए काफी मुश्किल साबित होने वाला है.

पेड कॉमेंटेटर की एक्स्ट्रा इनकम में कटौती!
बीसीसीआई के पेड कॉमेंटेटर प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से किसी तरह का जुड़ाव नहीं रख सकते. गौरतलब है कि सुनील गावस्कर अक्सर टीवी शोज में जाते रहते हैं और इसके साथ ही वो विभिन्न अखबारों के लिए भी लिखते रहते हैं. बीसीसीआई से कॉमेंट्री के लिए हर साल करोड़ों रुपए पाने वाले गावस्कर को अब अपनी अतिरिक्त कमाई को छोड़ना पड़ सकता है.

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दूसरे प्लेयर को मैनेज करने वाली कंपनी से दूरी
नए नियमों के मुताबिक कोई भी क्रिकेटर दूसरे किसी भी इंडियन क्रिकेटर को मैनेज करने वाली कंपनी से लिंक नहीं रख सकता. अब ये तो सबको पता है कि धोनी, रवींद्र जडेजा, भुनेश्वर कुमार, प्रज्ञान ओझा, मोहित शर्मा, कर्ण शर्मा, और के एल राहुल इन सभी को रीति स्पोर्ट्स ही मैनेज करती है. इसके साथ ही पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को भी इन नियमों से नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि इनमें साफ है कि बीसीसीआई में लाभ के पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति के परिवार के किसी भी सदस्य के हितों का टकराव नहीं होना चाहिए.

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