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...तो चैंपियंस ट्रॉफी में बिना कोहली-धोनी-अश्विन के उतरेगी टीम इंडिया

बीसीसीआई अगर चैंपियंस ट्रॉफी से नाम वापस लेता है, तो केवल ब्रॉडकास्टर ही नहीं बल्कि खुद बीसीसीआई को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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शशांक मनोहर और डेव रिचर्डसन
शशांक मनोहर और डेव रिचर्डसन

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बीसीसीआई और आईसीसी के बीच बिग थ्री मॉडल को लेकर चले आ रहे विवाद के कारण दर्शकों के मन में अभी तक एक सवाल गूंज रहा है कि क्या टीम इंडिया इस साल होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी का हिस्सा होगी या नहीं.

इस तरह ICC पर भारी पड़ सकती है BCCI
बीसीसीआई अगर चैंपियंस ट्रॉफी से नाम वापस लेता है, तो केवल ब्रॉडकास्टर ही नहीं बल्कि खुद बीसीसीआई को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है और ऐसे में बीसीसीआई के पास अपनी साख बचाने का जो एकमात्र रास्ता बचता है, वो है स्टार खिलाड़ियों को चैंपियंस ट्रॉफी में न भेजकर दूसरे दर्जे की टीम इंडिया को इस बड़े टूर्नामेंट में भेज दिया जाए.

अगर बीसीसीआई ऐसा करता है, तो वो आईसीसी को एक करारा जवाब नियमों के दायरे में रहते हुए दे सकता है. क्योंकि टीम भेजते ही आईसीसी भारतीय क्रिकेट बोर्ड पर टीम न भेजने का सवाल नहीं उठा सकता और अगर विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, युवराज सिंह और रोहित शर्मा जैसे स्टार खिलाड़ी इस बड़े टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं बनेगें, तो आईसीसी को दर्शकों की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है और इस सबका पूरा खामियाज़ा भी आईसीसी को ही भुगतना पड़ेगा.

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टूर्नामेंट की रेटिंग हो सकती है कम
बीसीसीआई आईसीसी को सबसे ज्यादा रेवन्यू देता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण 2007 के विश्वकप में देखने को मिला था, जब भारत ग्रुप स्टेज में ही बाहर हो गया था और उसके बाद विश्वकप की रेटिंग काफी कम रही थी और ब्रॉडकास्टर को काफी नुकसान उठाना पड़ा था.

बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट में अच्छा करने वाले खिलाड़ियों को मौका देता है, तो उसे भी क्रिकेट फैन्स के गुस्से का शिकार होना पड़ सकता है, ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहने वाला है, कि बीसीसीआई इतना बड़ा जोखिम उठाएगा या नहीं.

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