हाल में अपने पद से इस्तीफा देने वाले बीसीसीआई के पूर्व महाप्रबंधक डा. एमवी श्रीधर का आज हैदराबाद में उनके निवास पर दिल का दौरा पड़ने के बाद निधन हो गया. श्रीधर 51 साल के थे और लगभग चार साल तक बीसीसीआई के क्रिकेट संचालन प्रभारी रहे. उन्होंने पिछले महीने अपना पद छोड़ा था.
श्रीधर 1990 के दशक में हैदराबाद टीम की बल्लेबाजी के आधार स्तंभ थे और टीम के बेहतर कप्तानों में से एक. इस दशक में अधिकांश समय मोहम्मद अजहरूद्दीन के राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहने के कारण श्रीधर ने इस दौर में अब्दुल अजीम के साथ टीम की बल्लेबाजी की बागडोर संभाली.
दाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज श्रीधर ने हैदराबाद और साउथ जोन के लिए 97 फर्स्ट क्लास मैचों में 48.91 की औसत के साथ 6701 रन बनाए. उनका सर्वोच्च स्कोर 366 रन रहा. श्रीधर इसके अलावा कई बार संकट की स्थिति में बीसीसीआई के तारणहार भी साबित हुए.
पीटीआई के मुताबिक हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स से जुड़े कुख्यात मंकीगेट प्रकरण के दौरान ऑस्ट्रेलिया में प्रशासनिक मैनेजर के रूप में श्रीधर की भूमिका की काफी सराहना की गई. श्रीधर पूरी सुनवाई के दौरान मौजूद रहे और वह टीम और बोर्ड के बीच कड़ी का काम कर रहे थे.
जुलाई में कप्तान विराट कोहली के साथ मतभेद के कारण अनिल कुंबले के इस्तीफे के बाद श्रीधर को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने वेस्टइंडीज भेजा था. संजय बांगड़ ने कोचिंग की जिम्मेदारी निभाई जबकि श्रीधर को कैरेबियाई देशों में खिलाड़ियों को अच्छी मानसिक स्थिति में रखने और उनकी जरूरतों का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
श्रीधर इसके अलावा हैदराबाद क्रिकेट संघ के सचिव भी रहे और उनका यह कार्यकाल विवादास्पद रहे जिसमें उन पर कई क्लबों से जुड़े रहने के आरोप लगे. उनके खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए. यही बीसीसीआई के महाप्रबंधक पद से इस्तीफा देने का उनका मुख्य कारण भी था.
तमिलनाडु क्रिकेट संघ टीएनसीए ने एमवी श्रीधर के निधन पर शोक व्यक्त किया. टीएनसीए के संयुक्त सचिव आरआई पलानी ने शोक संदेश में कहा, तमिलनाडु क्रिकेट संघ पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर, हैदराबाद क्रिकेट संघ के पूर्व मानद सचिव और बीसीसीआई के पूर्व क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक डा. एमवी श्रीधर के दुखद निधन पर शोक जताता है. उन्होंने कहा, टीएनसीए के पूर्व प्रथम डिविजन लीग खिलाड़ी डा. श्रीधर का क्रिकेटर और क्रिकेट प्रशासक के रूप में करियर शानदार रहा.