भारत से जुड़े तीन मैचों की पिच से कथित छेड़छाड़ के स्टिंग आपरेशन पर सतर्क प्रतिक्रिया देते हुए बीसीसीआई ने आज कहा कि वे इस मामले में फंसे पूर्व क्रिकेटर रॉबिन मॉरिस के खिलाफ कार्रवाई करने पर तभी विचार करेंगे, जब वह आईसीसी की मौजूदा जांच में दोषी पाया जाएगा.
यह स्टिंग अल जजीरा चैनल ने किया है और जिन मैचों पर सवाल उठाया जा रहा है वे भारत और श्रीलंका के बीच गॉल में 26 से 29 जुलाई 2017 तक हुआ टेस्ट, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रांची में 16 से 20 मार्च 2017 तक हुआ टेस्ट और भारत तथा इंग्लैंड के बीच चेन्नई में 16 से 20 दिसंबर 2016 तक हुआ टेस्ट शामिल है.
गॉल और चेन्नई में हुए टेस्ट में भारत ने जीत दर्ज की थी, जबकि रांची में हुआ मैच बराबरी पर छूटा था. बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘हमारा मानना है कि आईसीसी ने जांच शुरू कर दी है. उन्हें जांच पूरी करने दीजिए और मॉरिस को दोषी ठहराने दीजिए. फैसला आने के बाद ही बीसीसीआई कार्रवाई करेगा.’
उन्होंने साथ ही कहा कि 42 फर्स्ट क्लास और 51 लिस्ट-ए मैच खेलने वाले मॉरिस फिलहाल बीसीसीआई की किसी भी परियोजना से नहीं जुड़े हुए. अधिकारी ने कहा, ‘हमें अपनी भ्रष्टाचार रोधी इकाई (एसीयू) से पता करने की जरूरत है कि मॉरिस का नाम संदिग्धों की सूची में शामिल है या नहीं. दूसरी बात वह बीसीसीआई या किसी राज्य इकाई की परियोजना से नहीं जुड़ा हुआ जहां से उसे हटाए जाने की जरूरत है.’
उन्होंने कहा, ‘अब जो चीज बची है वह बीसीसीआई की घरेलू क्रिकेटरों को दी जाने वाली 22500 रुपये (कटौती के बाद) की पेंशन है. बीसीसीआई को इसे रद्द करने का अधिकार है लेकिन उसके दोषी पाए जाने के बाद.’
गॉल में भारत-श्रीलंका टेस्ट फिक्स होने का दावा, ICC ने शुरू की जांच
मॉरिस ने कथित तौर किसी भी तरह के गलत कार्य से इनकार किया है और षड्यंत्र की बात कही है. इस डाक्यूमेंट्री में मैच फिक्सिंग के आरोपी मॉरिस को गॉल के क्यूरेटर थरंगा इंडिका को अंडरकवर रिपोर्टर से मिलवाते हुए दिखाया गया है और वह फिक्सरों के अनुसार पिचों को बदलने का दावा करते दिख रहे हैं. आईसीसी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
मॉरिस को इस वीडियो में कथित तौर पर पाकिस्तानी क्रिकेटर हसन रजा (सबसे कम उम्र के टेस्ट क्रिकेटर के वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक) के साथ दिखाया गया है और वीडियो में ये अपने संपर्क और मैदानकर्मियों के जरिए पिचों को फिक्स करने की अपनी क्षमता के बारे में बात कर रहे हैं. मुंबई का क्रिकेट जगत हालांकि मॉरिस के खिलाफ आरोपों से पूरी तरह से स्तब्ध नहीं है.
शारदाश्रम स्कूल से पढ़ाई करने वाले और रमाकांत आचरेकर (सचिन तेंदुलकर के शुरुआती कोच) के शिष्य रहे मॉरिस को सीमित ओवरों का उम्दा क्रिकेटर माना जाता था, लेकिन उन्होंने 31 साल की उम्र में क्रिकेट को अलविदा कह दिया.
मुंबई क्रिकेट से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘अगर उसके सर्वश्रेष्ठ दिन आईपीएल के आसपास होते तो वह घरेलू खिलाड़ियों के बीच अच्छी पसंद होता. लेकिन वह ईरानी ट्रॉफी में मुंबई के लिए आठ विकेट चटकाने के बाद बागी (अब भंग) इंडियन क्रिकेट लीग में चला गया.’
काफी लोगों को समझ नहीं आता कि मध्यम वर्ग के परिवार से होने के बावजूद मॉरिस ने भारत पेट्रोलियम की सुरक्षित नौकरी क्यों छोड़ दी. इस पूर्व क्रिकेटर के एक करीबी मित्र ने कहा, ‘मैं शर्त लगा सकता हूं कि घरेलू क्रिकेट और आईसीएल खेलते हुए उसने मोटी कमाई नहीं की. लेकिन वह मर्सिडीज बेंज चलता था, कीमती घड़ियां पहनता था.’
मॉरिस के साथ दिलीप और देवधर ट्रॉफी खेलने वाले एक पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘उसके कुछ पुराने दोस्तों ने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी थी. उसकी लगातार दुबई की यात्राओं ने संदेह पैदा किया.’ कल इस विवाद के सामने आने के बाद से मॉरिस ने अपना मोबाइल बंद कर दिया है और अपना फेसबुक अकाउंट भी हटा दिया है.