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सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से कहा- रास्ते पर आ जाओ

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के ढांचे में बदलाव के लिए लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर बोर्ड को तीन मार्च तक जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को लोढ़ासमिति की सिफारिशों पर अमल करना चाहिए. कोर्ट ने बोर्ड को सख्त संदेश देते हुए कहा कि देश में क्रिकेट के खेल की इस शीर्ष संस्था के व्यापक पुनर्गठन का सुझाव देने संबंधी जस्टिस आर एम लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मामले में रास्ते पर आ जाए.

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उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के ढांचे में बदलाव के लिए लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर बोर्ड को तीन मार्च तक जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर अमल करना चाहिए. कोर्ट ने बोर्ड को सख्त संदेश देते हुए कहा कि देश में क्रिकेट के खेल की इस शीर्ष संस्था के व्यापक पुनर्गठन का सुझाव देने संबंधी जस्टिस आर एम लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मामले में रास्ते पर आ जाए.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समिति की सिफारिशें ‘सीधी, तर्कसंगत और समझ में आने योग्य’ हैं और ‘सम्मान की हकदार हैं’ और समिति से अहसमत होने की कोई वजह नहीं है जिसमे विधिक समुदाय के सबसे प्रबुद्ध और सम्मानित सदस्य हैं.’ शीर्ष अदालत ने लोढा समिति की सिफारिशें लागू करने के बारे में जवाब देने के लिए क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड को चार सप्ताह का समय दिया है लेकिन साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि इसके सभी दावेदारों को लंबे समय तक पर्याप्त समय दिया गया है और अंतिम रिपोर्ट तैयार करने से पहले उनके दृष्टिकोण पर भी विचार किया गया और ऐसी स्थिति में इन सिफारिशों को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

चीफ जस्टिस तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बीसीसीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नफड़े के इस कथन के बाद ये टिप्पणियां की कि इन सिफारिशों पर बोर्ड के 30 सदस्यों में परामर्श की आवश्यकता है और चूंकि बोर्ड की कानूनी समिति की बैठक सात फरवरी को हो रही है, इसलिए जवाब देने के लिए चार सप्ताह का वक्त दे दिया जाए.

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हालांकि, पीठ ने कहा, ‘आप सभी को सुना जा चुका है और आपने समिति को अपने विचारों से अवगत भी करा दिया था. अपने मुवक्किल से कहिए कि सिफारिशों पर सख्त नजरिया अपनाए. आप बच नहीं सकते. आप सिफारिशें देखिए. इन सिफारिशों का सम्मान होना चाहिए. ये विधिक समुदाय के सबसे प्रबुद्ध और सम्मानित सदस्यों ने दी हैं. उन्होंने लोगों को आमंत्रित किया था और सभी पक्षों के साथ विस्तार से विचार विमर्श किया. सिफारिशें सीधी, समझ में आने योग्य और तर्कसंगत हैं.’

पीठ ने कहा कि सबसे अच्छा होगा कि रास्ते पर आ जाओ और परेशानियों से बचने के लिए सुझावों का पालन करो. पीठ ने समिति की रिपोर्ट स्वीकार करते हुये कहा कि अंतत: कोई भी समस्या हो बदलाव तो आना ही है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में आईपीएल के चीफ आपरेटिंग ऑफिसर सुन्दर रमण को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया है.

बीसीसीआई ने कहा था कि उसे ‘बाधा डालने वाले’ के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और वह अपनी कानूनी समिति की बैठक के बाद ‘ठोस सुझावों’ के साथ वापस आएगी.

हालांकि पीठ ने कहा कि पूरे सुधार के लिए सब कुछ साफ होना चाहिए.

नफड़े ने जब कहा कि समिति की सिफारिशें लागू करने में अनेक तकनीकी कठिनाईयां आएंगे क्योंकि बीसीसीआई तमिलनाडु सोसायटीज रजिस्ट्रेशन कानून के तहत पंजीकृत है तो पीठ ने कहा कि वह सुझावों पर अमल का समाधान बताएगी.

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पीठ ने कहा, ‘हम आसान रास्ता खोज लेंगे. हमारे पास साधारण समाधान है. हम सारी सिफारिशें स्वीकार करेंगे. हम कहेंगे कि चूंकि बीसीसीआई को इन सिफारिशों को स्वीकार करने और इन पर अमल करने में कठिनाई है. हम उसी समिति को सभी सिफारिशें आगे बढ़ाने का निर्देश दे देंगे. हम न्यायाधीशों (समिति में) से इन सिफारिशों को लागू करने में बीसीसीआई की मदद करने के लिए कहेंगे.’ पीठ ने कहा, ‘हम कोई लंब आदेश नहीं लिखाना चाहते. हम सिफारिशें लागू करने में बीसीसीआई की मदद करने का निर्देश समिति को दे देंगे.

कोर्ट का सख्त रुख देखते हुए नफड़े ने कहा, ‘मैं स्थिति को समझ सकता हूं.’ पीठ ने कहा कि इन सिफारिशों में बहुत अधिक जटिलता नहीं है और यदि बीसीसीआई को कोई विसंगति नजर आती है तो उस पर गौर किया जा सकता है.

पीठ ने कहा कि समिति से अहसमति की कोई वजह नहीं है. पीठ ने कहा कि जस्टिस लोढा समिति की सिफारिशों पर अमल से कुछ लोग तो प्रभावित ही होंगे.

लोढ़ा कमेटी की 10 बड़ी सिफारिशें
1. सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देने पर विचार किया जाए
2. सीनियर सेलेक्शन कमेटी में सिर्फ पूर्व क्रिकेटर हों
3. बीसीसीआई के टॉप 5 अधिकारी 70 साल से अधिक उम्र के न हों
4. एक पद पर 9 साल से अधिक नहीं, राज्यों में आजीवन कोई पद नहीं
5. कोई मंत्री और सरकारी अधिकारी BCCI में नहीं होगा
6. प्लेयर्स एसोसिएशन बनाई जाए
7. BCCI और IPL की गवर्निंग बॉडी अलग अलग हों
8. एक राज्य में वोट के हक वाली एक एसोसिएशन हो
9. BCCI को RTI एक्ट के तहत लाने पर विचार किया जाए
10. IPL के पूर्व COO सुंदर रमन के खिलाफ सबूत नहीं

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