बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) ने अभी तक होने वाली आमदनी पर पूरा आयकर नहीं चुकाया है. केंद्र सरकार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 2004-05 के बाद से बीसीसीआई ने 2140.58 करोड़ रुपये की राशि आयकर के रूप में चुकाई है जबकि उस पर कुल बकाया 2510.48 करोड़ रुपये की है. यानी अभी भी बीसीसीआई को 369.89 करोड़ रुपये बतौर आयकर चुकाना बचा है.
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने संजय राउत के एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कर निर्धारण वर्ष 2004-05 के बाद से 2510.48 करोड़ रुपये की आयकर मांग में से 2140.58 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि शेष 369.89 करोड़ रुपये की मांग को आयकर प्राधिकारियों ने बीसीसीआई की अपील के निपटान तक स्थगित रखा है.
सिन्हा ने कहा कि कर निर्धारण वर्ष 2008-09 के लिए लंबित मांग 53 करोड़ रुपये है जबकि 2010-11 और 2011-12 के लिए 100-100 करोड़ रुपये और 2012-13 के लिए 116.89 करोड़ रुपये की मांग लंबित है. उन्होंने कहा कि अपीलीय प्राधिकरणों से बीसीसीआई की अपील के शीघ्र निपटान के लिए अनुरोध किया गया है ताकि कानून के अनुसार शेष करों की वसूली के लिए कार्रवाई की जा सके.
मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि 31 मार्च 2014 की स्थिति के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर कुल लंबित कर मांग 5,75,340 करोड़ रुपये थी जबकि एक साल पहले यह राशि 4,86,180 करोड़ रुपये थी.
उन्होंने कहा कि कई वजहों से कर बकायों की वसूली नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि आयकर निस्तारण आयोग (आईटीएससी) के पास 130 ऐसे आवेदन लंबित हैं जो जून 2007 से पहले दाखिल किए गए थे.
इनपुटः भाषा