सौरव गांगुली की भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष पद से छुट्टी होने जा रही है. 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी गांगुली की जगह लेंगे, वहीं जय शाह सचिव बने रहेंगे. बीसीसीआई के अगले कार्यकाल के नामांकन भरे जा चुके हैं और 18 अक्टूबर को बिन्नी को औॅपचारिक तौर पर अध्यक्ष चुन लिया जाएगा.
अब गांगुली के अध्यक्ष पद से हटने को लेकर बीसीसीआई के निवर्तमान कोषाध्यक्ष ने अरुण धूमल ने प्रतिक्रिया दी है. इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के अगले चेयरमैन बनने जा रहे अरुण धूमल ने शुक्रवार को कहा कि पूरे मामले के संबंध में कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ किसी ने एक शब्द भी नहीं कहा था.
ये सब सिर्फ अटकलबाजी थी: धूमल
धूमल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'स्वतंत्र भारत में बीसीसीआई में ऐसा कोई अध्यक्ष नहीं रहा जो तीन साल से ज्यादा इस पद पर रहा हो. ये सभी मीडिया की अटकलबाजियां हैं कि दादा को यह कहा गया या फिर कुछ सदस्य उनके खिलाफ थे. किसी ने भी उनके खिलाफ एक शब्द नहीं कहा. बोर्ड के सभी सदस्य पूरी टीम से बहुत खुश और संतुष्ट थे. बीसीसीआई ने कोविड-19 द्वारा पेश की गयी चुनौतियों के बावजूद पिछले तीन साल में जिस तरह काम किया, इससे भी सब संतुष्ट थे.
गांगुली को मिला था IPL के चेयमैन का ऑफर
धूमल ने बताया, 'भारतीय कप्तान के तौर पर दादा का करियर बहुत शानदार रहा है, वह सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक थे. प्रशासक के तौर पर उन्होंने पूरी टीम को साथ लेकर काम किया और हमने एक इकाई के तौर पर काम किया. धूमल ने यह भी कहा कि अगर गांगुली ने आईपीएल के चेयरमैन के पद को स्वीकार कर लिया होता तो वह खुद नई टीम का हिस्सा नहीं हो पाते. चूंकि गांगुली ने इस पद को स्वीकार नहीं किया है, ऐसे में धूमल अगले आईपीएल चेयरमैन पद पर ब्रजेश पटेल की जगह लेंगे.
गांगुली के हटने के पीछे राजनीति नहीं: धूमल
धूमल ने कहा, 'गांगुली रोजर और नामांकन भरने गए सभी लोगों के साथ थे. सब चीजों पर चर्चा की गई और दादा से भी बात की गई. उन्हें आईपीएल चेयरमैन के पद की पेशकश की गई थी. इसमें कोई सच्चाई नहीं है. लोगों की अलग विचारधाराएं हो सकती हैं क्योंकि हम लोकतंत्र में रहते हैं. जब बीसीसीआई की बात आती है तो हर किसी का ध्यान इस पर होता है कि भारतीय क्रिकेट को किस तरह आगे ले जाया जाए.