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BCCI ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी प्रशासकों की लिस्ट, हितों के टकराव का मामला

बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट को उन प्रशासकों की लिस्ट सौंप दी है, जिनके IPL, चैम्पियंस लीग या ऐसे ही अन्य बोर्ड में किसी तरह के व्यावसायिक हित हैं. लिस्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सौंपी गई है.

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बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट को उन प्रशासकों की लिस्ट सौंप दी है, जिनके IPL, चैम्पियंस लीग या ऐसे ही अन्य बोर्ड में किसी तरह के व्यावसायिक हित हैं. लिस्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सौंपी गई है. BCCI के नियमों की जांच करेगा सुप्रीम कोर्ट

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बीसीसीआई की लिस्ट में सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, रवि शास्त्री, लालचंद राजपूत, वेंकटेश्वर प्रसाद और के. श्रीकांत के नाम शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने यह लिस्ट उस समय मांगी, जब बोर्ड ने बीसीसीआई के नियम में विवादास्पद संशोधन का बचाव शुरू किया. इस नियम के जरिए ही खेल के प्रशासकों के हितों के टकराव के प्रावधान से छूट देने के साथ ही आईपीएल और चैम्पियंस लीग में टीम खरीदने की अनुमति दी गई है.

बीते दिन कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘आसमान नहीं गिर पड़ेगा, यदि बीसीसीआई के अधिकारी टीम के मालिक नहीं होंगे.’ जजों ने कहा, ‘अगर बीसीसीआई के अध्यक्ष टीम के मालिक नहीं होंगे, तो इससे समूची IPL परियोजना ध्वस्त नहीं हो जाएगी. क्या व्यावसायिक हितों के बगैर IPL का आयोजन संभव नहीं है? IPL इस स्वरूप पर निर्भर नहीं है कि व्यावासायिक हित के साथ प्रशासक टीम का मालिक हो सकता है.’

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जजों ने कहा, ‘हमें उन सारे करार की लिस्ट दीजिए, जो बीसीसीआई ने अपने प्रशासक और अन्य उन व्यक्तियों से किए हैं, जिनके दूसरे व्यावसायिक हित हैं. आपने किस तरह के और किनके साथ करार किए हैं?’

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कानून में 2008 में हुए उन संशोधन की जांच करेगा, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को वाणिज्यिक हितों के पद ग्रहण करने और इंडियन प्रीमियर लीग और चैम्पियंस लीग में फ्रेंचाइजी खरीदने की इजाजत देता है. संशोधन से पहले बोर्ड अधिकारियों को बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में वाणिज्यिक हित की भूमिका लेने और आईपीएल में फ्रेंचाइजी लेने की इजाजत नहीं थी.

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