भारत के पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर को 8वें सालाना बीसीसीआई पुरस्कार में कर्नल सी के नायुडू लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा जाएगा, जबकि भुवनेश्वर कुमार को सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चुना गया. ये पुरस्कार 21 नवंबर को दिए जाएंगे.
भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में शुमार वेंगसरकर 1976 से 1991 के बीच खेले. उन्हें पत्रकार शेखर गुप्ता, बीसीसीआई के अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव और मानद सदस्य संजय पटेल की सदस्यता वाली समिति ने पुरस्कार के लिए चुना. इसके तहत उन्हें एक स्मृति चिह्न, ट्रॉफी और 25 लाख रुपये का चेक दिया जाएगा.
वेंगसरकर 1975-76 के बीच ईरानी कप मैच में शेष भारत के खिलाफ मुंबई के लिए शतक जमाकर चमके थे. वह 1983 वर्ल्ड कप और 1985 वर्ल्ड चैंपियनशिप विजेता भारतीय टीम के सदस्य भी रहे. उन्होंने 1987 से 1989 के बीच 10 टेस्ट में भारत की कप्तानी की. कर्नल के नाम से मशहूर वेंगसरकर बीसीसीआई की प्रतिभा शोध विकास समिति के तीन साल तक अध्यक्ष रहे. इसके अलावा 2006 से 2008 के बीच सीनियर राष्ट्रीय चयन समिति के भी अध्यक्ष रहे.
तेज गेंदबाज भुवनेश्वर को 2013-14 के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर की पॉली उमरीगर ट्रॉफी दी जाएगी. इसमें एक ट्रॉफी के साथ पांच लाख रुपये का चेक दिया जाता है. भुवनेश्वर ने 11 टेस्ट और 42 वनडे के अलावा घरेलू सर्किट पर उत्तर प्रदेश और आईपीएल में पुणे वारियर्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए बेहतरीन प्रदर्शन किया.
बीसीसीआई पुरस्कार समारोह भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले ताज लैंड्स एंड पर आयोजित किया गया है. ऑस्ट्रेलियाई रवानगी से पहले की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी होगी, जिसमें टीम निदेशक रवि शास्त्री, टीम मैनेजर अरशद अयूब और कप्तान विराट कोहली मौजूद होंगे.
यह पुरस्कार सम्मान की बातः वेंगसरकर
वेंगसरकर ने कहा कि इस अवार्ड के लिए चुने जाने पर वह खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं. वेंगसरकार ने कहा, ‘मैं सीके नायडू पुरस्कार के लिए चुने जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं जो मुझे लगता है कि यह भारत में क्रिकेट से जुड़ा सर्वोच्च सम्मान है.’ अजीब संयोग है कि 116 टेस्ट मैच खेल चुके पूर्व मुख्य राष्ट्रीय चयनकर्ता को ‘कर्नल’ के नाम से भी जाना जाता है और उनका यह नामाकरण देश के पहले टेस्ट कप्तान नायडू की तरह बल्लेबाजी की शैली होने के लिए किया गया था.
इनपुटः भाषा से