बीसीसीआई को पारदर्शी बनाने और कई सुधार प्रक्रियाओं के सुझाव के साथ लोढ़ा समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को रिपोर्ट पेश कर दी है. लोढ़ा पैनल ने आईपीएल और बीसीसीआई के लिए अलग संचालन संस्थाओं की सिफारिश है. इसके साथ ही सट्टेबाजी को भी कानूनी मान्यता देने की सिफारिश की गई है, जबकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि क्रिकेट बोर्ड कई महत्वपूर्ण सुझावों का विरोध करने की तैयारी में है.
जस्टिस आरएम लोढ़ा की तीन सदस्यी समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में आईपीएल की कार्यकारी परिषद को सीमित स्वायत्ता देने की सिफारिश की है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि चीफ गवर्निंग बॉडी को गवर्निंग काउंसिल के नाम से जाना जाए, जिसमें 9 सदस्य हों.
'आज तक' को मिली जानकारी के मुताबिक, बीसीसीआई 'एक राज्य, एक एसोसिएशन' के सुझाव को मानने के लिए तैयार नहीं है. इसके साथ ही बोर्ड लोढ़ा समिति की ओर से दिए गए 'कूल ऑफ पीरियड' के सुझाव का भी विरोध करने की तैयारी में हैं. समिति ने बीसीसीआई के अधिकारियों को लेकर उम्र की सीमा 70 करने का सुझाव दिया है, इसके साथ ही मंत्री, सरकारी कर्मचारी और दूसरे अधिकारियों के लिए तीन बार से अधिक के कार्यकाल को खत्म करने का सुझाव दिया गया है.
इसके साथ ही बोर्ड आईपीएल के लिए अलग से संचालन संस्था बनाने के विचार का भी विरोधी है.
ये हैं लोढ़ा समिति के अहम सुझाव और सिफारिश-
-लोढ़ा समिति ने आईपीएल और बीसीसीआई की गवर्निंग काउंसिल को अलग करने का सुझाव दिया है.
-रेलवे, सेना और यूनिवर्सिटी को एसोशिएट मेंबर तक रखने की सिफारिश, मतदान प्रक्रिया से बाहर रखने का सुझाव.
-बीसीसीआई में प्रशासन और प्रबंधन को अलग करने की सिफारिश की गई है.
-खिलाड़ियों के लिए प्लेयर्स एसोसिएशन और उनके संविधान बनाने की सिफारिश, लेकिन खिलाड़ियों की यूनियनबाजी नहीं चलेगी.
-पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई के नेतृत्व में एक स्टीयरिंग समिति बनाने की सिफारिश की गई है, जिसमें पूर्व क्रिकेटर मोहिंदर अमरनाथ ,अनिल कुंबले और डायना एजी शामिल होंगे.
-क्रिकेट में सट्टेबाजी को कानूनी बनाने की सिफारिश की गई है, लेकिन इसमें बीसीसीआई, आईपीएल से जुड़े शख्स या टीम मैनेजर नहीं शामिल हो सकते हैं.
-एक ही शख्स दो संगठनों यानी बीसीसीआई या राज्य एसोसिएशन का सदस्य नहीं बन सकता है.
-लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई में स्वतंत्र लोकपाल की सिफारिश की है, जो खिलाड़ियों, सदस्यों और जनता की शिकायतों का निपटारा करेगा.
-विधायिका से बीसीसीआई को आरटीआई के दायरे में लाने पर विचार करने को कहा गया.