आईसीसी सीईओ डेविड रिचर्डसन ने अवैध गेंदबाजी एक्शन के खिलाफ अभियान को साजिश मानने से इनकार करते हुए भारतीय ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह की अपने गेंदबाजी एक्शन में सुधार करने के लिये तारीफ की. रिचर्डसन ने एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से कहा, ‘एक दौर था जब उनके (हरभजन सिंह) के एक्शन पर उंगली उठायी जा रही थी लेकिन उन्होंने अपना गेंदबाजी एक्शन सुधार कर सुनिश्चित किया कि वह अब अवैध गेंदबाजी नहीं करेंगे. और अब जिस तरह से वह गेंदबाजी करता है उस पर कोई सवाल नहीं उठाता.’
उन्होंने कहा, ‘हां आईसीसी ने उन गेंदबाजों के खिलाफ अभियान छेड़ा है जो गेंदबाजी करते समय अपनी कोहनी तय नियमों से अधिक मोड़ते हैं और यह कोई साजिश नहीं है.’ पिछले तीन महीनों में तीन ऑफ स्पिनरों पर प्रतिबंध लगाया गया जिनमें पाकिस्तान के सईद अजमल भी शामिल हैं और कई पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि आईसीसी का वर्ल्ड कप से ठीक पहले यह अभियान चलाना सही नहीं था.
रिचर्डसन ने हालांकि कहा कि अब बहुत हो चुका है. इस पूर्व दक्षिण अफ्रीकी विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, ‘हम ऐसे स्तर पर पहुंच गये थे जहां बहुत अधिक गेंदबाज नियमों की अनदेखी कर रहे थे. आईसीसी बोर्ड के समर्थन मिलने के बाद क्रिकेट समिति ने फैसला किया कि अब कार्रवाई जरूरी है. लेकिन इसके साथ ही मेरा मानना है कि जिन गेंदबाजों की रिपोर्ट की गयी वे अपने एक्शन पर काम कर रहे हैं और वैध गेंदबाज के तौर पर वापसी कर रहे हैं. इससे टीमों के पास साफ तौर पर यह संदेश भी चला गया कि वह ऐसे खिलाड़ियों का चयन नहीं करें जिनका एक्शन संदिग्ध है. उन गेंदबाजों को चुनें जिनका एक्शन वैध है.’
भारतीय टीम से बाहर चल रहे हरभजन भी इस अवसर पर आईसीसी सीईओ के साथ उपस्थित थे. उन्हें खुशी थी कि उन्होंने अच्छा उदाहरण पेश किया. इसके अलावा उन्होंने क्रिकेट को साफ सुथरा बनाने के प्रयास की भी तारीफ की. हरभजन ने कहा, ‘एक बार नहीं दो बार मेरी रिपोर्ट की गयी. पहली बार 1999 में जब मैंने अपना करियर शुरू ही किया था और इसके बाद 2006 में. इसलिए आईसीसी ने एक सीमा तय कर रखी है और यदि कोई भी गेंदबाज उससे आगे जाता है तो ऐसे लोग हैं जो उस पर निगाह रखते हैं. वे किसी को क्रिकेट खेलने से नहीं रोक रहे हैं लेकिन वे केवल इतना कह रहे हैं कि स्कूल जाओ ओर आईसीसी की सीमाओं के अंतर्गत गेंदबाजी करना सीखो.’
उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुझे लगता है आपने जो किया वह बहुत अच्छा किया है और जैसे कि डेव ने कहा कि किसी के लिये दरवाजे बंद नहीं हुए हैं. यदि आप सीमा के अंतर्गत गेंदबाजी करते हो तो फिर आप तब भी क्रिकेट खेल सकते हो और दूसरा या अन्य कोई भी गेंद कर सकते हो. इसलिए यह आईसीसी ने यह बहुत बढ़िया कदम उठाया है.
इनपुटः भाषा