भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार ने कहा कि अपने शुरुआती वर्षों में उन्हें अपनी गेंदबाजी में गति जोड़ने के महत्व का पता नहीं था, लेकिन एक बार ऐसा करने के बाद उन्हें बल्लेबाजों को परेशानी में डालने वाली स्विंग को बरकरार रखने में मदद मिली.
भुवनेश्वर चोटों से जूझते रहे हैं और उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में नहीं चुना गया है. भुवनेश्वर ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL)) की अपनी टीम सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के ट्विटर हैंडल पर जारी किए गए वीडियो में कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो पहले कुछ वर्षों में मुझे ऐसा अहसास नहीं था कि गति में भी कुछ जोड़ना जरूरी है.'
उन्होंने कहा, 'मैंने खेलना जारी रखा और तब मुझे अहसास हुआ कि स्विंग के साथ मुझे अपनी गति में भी सुधार करने की आवश्यकता है क्योंकि 130 किमी प्रति घंटे या उससे कम की रफ्तार से गेंदबाजी करने से बल्लेबाज स्विंग से तालमेल बिठा दे रहे थे. इसलिए मैं गति बढ़ाना चाहता था, लेकिन नहीं जानता था कि ऐसा कैसे करना है.'
How did @BhuviOfficial add pace to his bowling?
— SunRisers Hyderabad (@SunRisers) May 28, 2021
Hear it from the man himself 🗣️#OrangeArmy #OrangeOrNothing pic.twitter.com/O62WKhgoz3
इस 31 साल के गेंदबाज ने अब तक 21 टेस्ट मैचों में 63 विकेट, 117 वनडे में 138 विकेट और 48 टी20 अंतरराष्ट्रीय में 45 विकेट लिये हैं. उन्होंने कहा, 'सौभाग्य से मैं अपनी गति में सुधार करने में सफल रहा और इससे वास्तव में मुझे काफी मदद मिली. इसलिए यदि आप 140 किमी से अधिक रफ्तार से नहीं, लेकिन 135 किमी के आसपास की रफ्तार से भी गेंदबाजी करते हो तो इससे स्विंग बरकरार रखने और बल्लेबाज को परेशानी में डालने में मदद मिलती है.'