Bhuvneshwar Kumar: मौजूदा क्रिकेट में बहुत कम गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार से बेहतर बॉल को स्विंग करा पाते हैं. उन्होंने व्हॉइट कूकाबूरा बॉल से तीन दिन में दूसरी बार इंग्लैंड के बैटिंग ऑर्डर क्रम को ढेर किया है. जीत के बाद भारत के तेज गेंदबाज भुवी को यह भी नहीं पता कि आखिर उनकी बॉल इतनी स्विंग कैसे हो रही है.
इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैच की टी20 सीरीज में भारत को 2-0 अजेय बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद भुवनेश्वर ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता (गेंद स्विंग क्यों कर रही है), क्योंकि मैं यहां कई बार आ चुका हूं और मैंने यहां पिछली जो कुछ सीरीज खेली हैं उनमें गेंद स्विंग नहीं कर रही थी.
भुवी ने कहा, इसी वजह से मैं भी हैरान था कि सफेद गेंद स्विंग कर रही है और लंबे समय तक स्विंग कर रही है, विशेषकर टी20 प्रारूप में. विकेट पर अधिक उछाल भी है. इसलिए हां, जब गेंद स्विंग करती है तो आप अधिक लुत्फ उठाते हो. लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि इसे मैं स्विंग करा रहा हूं, परिस्थितियों के कारण ऐसा हो रहा है या फिर गेंद के कारण ऐसा है लेकिन हां, मुझे खुशी है कि गेंद स्विंग कर रही है.'
भारत के इस अनुभवी तेज गेंदबाज का मंत्र सामान्य-सा है, अगर गेंद स्विंग कर रही है तो वह आक्रमण करेंगे और विकेट चटकाने का प्रयास करेंगे. इस रणनीति पर अमल करते हुए भुवनेश्वर ने दो मैच में 25 रन देकर चार विकेट चटकाए.
अपने ऊपर कंट्रोल होना बेहद जरूरी
भुवनेश्वर ने शनिवार रात मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'अगर गेंद स्विंग करती है, जो मेरा मजबूत पक्ष है, तो मैं आक्रमण करने का प्रयास करता हूं. सपाट पिचों पर बल्लेबाज आक्रमण करते हैं, वे वहां अपने शॉट खेलते हैं, लेकिन दो मैच में गेंद स्विंग हुई और मैं आक्रमण कर रहा था, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि अपने ऊपर नियंत्रण रखो.
इस तेज गेंदबाज ने कहा, 'आपको लगता है कि आप एक इनस्विंग, एक आउटस्विंग, एक इनस्विंग फेंकेंगे, लेकिन इस इच्छा को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है. निरंतरता के साथ गेंदबाजी करो और बल्लेबाजों को आउट करने के लिए जाल बिछाओ.'
चोट से वापसी के बाद होता है दबाव
कुछ समय पहले तक भुवनेश्वर चोटों से जूझ रहे थे और ऐसा लगने लगा था कि क्या इस तेज गेंदबाज का करियर खत्म हो गया है. इस पर भुवनेश्वर ने कहा, ‘‘चोट के बाद आपको पता होता है कि जब आप वापसी करोगे तो आपको अच्छा प्रदर्शन करना होगा. इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं होता. मेरा हमेशा से मानना है कि वापसी करने का कम से कम एक मौका और मिलेगा. मुझे पता है कि तब मैं अपना शत प्रतिशत दूंगा लेकिन नतीजे अच्छे मिलेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है.
उन्होंने कहा, 'क्योंकि जब आप चोटिल होते हो तो आप हताश हो जाते हो. कुछ निराशा होती है. जरूरी नहीं कि अपने ऊपर संदेह हो, लेकिन आप मानसिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं होते.'
पिछले कुछ दिनों में अच्छे प्रदर्शन के बाद भुवनेश्वर ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप की भारतीय टीम में जगह बनाने के प्रबल दावेदार हैं और टेस्ट टीम में वापसी भी संभव लगती है.
यह पूछने पर कि क्या वह दोबारा टेस्ट क्रिकेट खेलने को लेकर उत्सुक हैं, भुवनेश्वर ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं इस समय किसी चीज के बारे में नहीं सोच रहा. बेशक, जब टेस्ट में मौका मिलेगा तो मैं ‘ना’ नहीं करूंगा. जो भी मौका मिले मैं अच्छा करने का प्रयास करूंगा.'