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जब लॉर्ड्स में फोन आया कि मैदान में बम रखा है और टेस्ट मैच रोककर सबको बाहर निकाल दिया गया

यह बात 1973 की है, जब वेस्टइंडीज की टीम इंग्लैंड दौरे पर थी. तब दोनों टीमों के बीच तीसरा टेस्ट मैच लॉर्ड्स में खेला गया था. मैच में तीसरे दिन के खेल के दौरान एक फोन आया था, जिसमें कहा गया था कि लॉर्ड्स मैदान में बम रखा है. इस खबर के बाद ग्राउंड में एनाउंस हुआ और सभी को बाहर निकाला गया था....

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England vs West Indies 3rd Test 1973 (Getty)
England vs West Indies 3rd Test 1973 (Getty)

क्रिकेट का खेल ऐसा है कि इसमें बहुत सी बाहरी ताकतों का दख़ल रहता है. बारिश से लेकर तेज़ धूप की रोशनी तक मैच रोक देती हैं. मधुमक्खियों के हमलों और यहां तक कि स्टेडियम के कोने में फटी एक फ़्रिज तक ने मैच में ख़लल डाला है. लेकिन एक ऐसा भी मौका आया था जब एक अफ़वाह के चलते स्टेडियम खाली करवा दिया गया और खिलाड़ी निकलकर अपने होटलों में चले गए. अफ़वाह थी कि स्टेडियम में एक बम रखा हुआ था.

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बात है साल 1973 की. आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) मार्च महीने में लंडन में ओल्ड बेली कोर्टहाउस में एक कार के ज़रिये बम ब्लास्ट कर चुकी थी. इसमें 1 ब्रिटिश नागरिक की मौत हुई थी (हार्ट अटैक से) और क़रीब 240 लोग घायल हुए थे. उत्तरी आयरलैंड के आधिपत्य को लेकर 60 के दशक में शुरू हुई लड़ाई फैलती जा रही थी. 1973 तक इसके छींटे इंग्लैंड पर नहीं पड़े थे. लेकिन आईआरए आर्मी काउंसिल ने इस कार ब्लास्ट का प्लान बनाना शुरू किया और 1973 में इंग्लैण्ड में ये पहली बड़ी घटना घटी. इसके बाद छोटी-मोटी घटनाएं घटती रहीं. अगस्त के महीने में ही हाउस ऑफ़ कॉमन्स के सेक्रेटरी को लेटर बम भेजा गया. इन सभी बातों के चलते लोगों के ज़हन में डर बैठा हुआ था.

खैर, 1973 में वेस्ट इंडीज़ की टीम इंग्लैण्ड में थी. पहला टेस्ट वेस्ट इंडीज़ के खाते में आया और दूसरा मैच ड्रॉ रहा. तीसरा मैच लॉर्ड्स में 23 अगस्त को शुरू हुआ. रोहन कन्हाई की कप्तानी में टीम बल्लेबाज़ी करने उतरी और पहले दो दिनों में उन्होंने पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया. इंग्लैण्ड पूरे 10 विकेट नहीं ले सकी. वेस्टइंडीज़ ने 8 विकेट पर 652 रन बना डाले. जवाब में दूसरे दिन जब इंग्लैण्ड बैटिंग करने उतरी तो उसने 88 रन पर 3 विकेट खो दिए. इंग्लैण्ड संकट में दिख रही थी. हर कोई मान चुका था कि वेस्ट इंडीज़ ये सीरीज़ 2-0 से जीतेगी.

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England vs West Indies Test Bomb Scare

इस बीच एक मज़ेदार कहानी और. वेस्ट इंडीज़ के इन 652 रनों में 150 रन गैरी सोबर्स के भी थे. गैरी सोबर्स मौज-मस्ती करने के लिये जाने जाते थे. पहले दिन का खेल ख़त्म हुआ तो वो 31 रनों पर नाबाद खेल रहे थे. शाम होते ही वो क्लाइव लॉयड के साथ दिनार्क ए लिये बाहर निकल पड़े. खाना खाने के बाद क्लाइव तो होटल वापस आ गए लेकिन सोबर्स अपने दोस्त रेज स्कारलेट (पूर्व वेस्ट इंडीज़ स्पिनर) से मिले. ये दोनों वहां से निकले और एक नाइटक्लब पहुंच गए.

यहां दोनों ने गप्पे मारे और शराब पी. देर रात सोबर्स को अहसास हुआ कि अब उन्हें सोने की ज़रूरत नहीं थी. असल में, सोबर्स का ये मानना था कि उन्हें बहुत नींद की ज़रूरत नहीं होती थी, वो 4-5 घंटे की नींद के बाद बगैर समस्या के अपना काम कर सकते थे. लिहाज़ा, सोबर्स ने अपने दोस्त का हाथ थामा और उसे वापस अपने होटल ले आये. यहां उन्होंने सुबह 9 बजे तक शराब पी.

9 बजे सोबर्स उठे, अपने कमरे में गए, गरम पानी से नहाये, पैड पहने और बैटिंग करने चले गए. उनके सभी साथी खिलाड़ियों को मालूम था कि उनकी रात कैसी बीती थी. सोबर्स के सामने बॉब विलिस गेंद फेंकने के लिये खड़े थे. सोबर्स ख़ुद कहते हैं कि उन्हें बॉब विलिस के सिर्फ़ हाथ और पैर दिख रहे थे. पहली गेंद पर सोबर्स ने बल्ला घुमाया लेकिन गेंद काफ़ी दूर से निकली. मैदान पर वेस्ट इंडीज़ के कप्तान रोहन कन्हाई और बाक़ी खिलाड़ियों की हंसी सुनाई दे रही थी जो बालकनी में खड़े पूरा मंजर देख रहे थे. अगली गेंद पर फिर सोबर्स ने बल्ला घुमाया. गेंद फिर दूर से निकल गयी. एक बार फिर सोबर्स को उनके साथियों की हंसी सुनाई दी. ओवर की पांच गेंदों पर यही होता रहा. सोबर्स एक भी गेंद पर बल्ला नहीं लगा पाये. छठी गेंद ने उनके बल्ले को स्पर्श किया और यहां से सोबर्स सीधे अपने शतक पर रुके. 

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लेकिन शतक तक आते-आते सोबर्स के सामने एक मुसीबत खड़ी हो रही थी. उनके पेट में ऐंठन हो रही थी. वो ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे. शराब की लम्बी पारी के बाद मैदान पर चल रही उनकी पारी की वजह से उनके शरीर में पानी की कमी हो रही थी और लॉर्ड्स की कड़क धूप बहुत साथ नहीं दे रही थी. वो मैच छोड़कर जाना चाहते थे लेकिन इतना अच्छा खेल रहे थे कि रुके रहना चाहते थे. अंततोगत्वा, जब उनसे नहीं रहा गया, वो चलकर चार्ली एलियट के पास पहुंचे. ड्रिंक्स ब्रेक लिया जा रहा था और उन्होंने चार्ली से कहा कि वो जा रहे थे. चार्ली ने कहा कि उन्हें चोट तो लगी नहीं थी, वो क्यूं जा रहे थे. सोबर्स ने जवाब दिया, "चार्ली, मैं 50 मिनट से ख़ुद को रोके हुए हूं. अब और नहीं रुक सकता. जो मर्ज़ी आये वो बोल देना. मैं चला..."

England vs West Indies Test Bomb Scare

सोबर्स जैसे-तैसे पवेलियन पहुंचे जहां उन्होंने रोहन कन्हाई को पूरी बात बतायी. सोबर्स ने कहा कि उन्हें बस एक ही चीज़ राहत दे सकती थी - पोर्ट और ब्रांडी. कन्हाई सोबर्स को अच्छी तरह से जानते थे. उन्होंने तुरंत ही वो ड्रिंक मंगवायी. सोबर्स एक सांस में पूरी ड्रिंक गटक गए. कन्हाई ने फिर से आदेश दिया कि पोर्ट और ब्रांडी और लायी जाए, लेकिन इस बार एक बड़े गिलास में. सोबर्स ने वो भी ख़तम किया और आराम फरमाने लगे. इस बीच बर्नार्ड जूलियन और कीथ बॉयस ने मिलकर 76 रन बनाये. जूलियन के आउट होते ही सोबर्स फिर मैदान में उतरे और 150 रन पूरे किये. उनके 150 के स्कोर पर पहुंचते ही कप्तान कन्हाई ने पारी घोषित कर दी.

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तीसरे दिन, 25 अगस्त को इंग्लैण्ड ने आगे खेलना शुरू किया. दूसरे सेशन के अंत तक उनके 8 विकेट गिर चुके थे और वो फ़ॉलो ऑन होता हुआ देख रहे थे. लेकिन फिर दोपहर के पौने तीन बजे एमसीसी के सेक्रेटरी बिली ग्रिफ़िथ की आवाज़ पूरे लॉर्ड्स में गूंजी. वो पब्लिक अड्रेस सिस्टम पर बोल रहे थे "देवियों और सज्जनों, मुझे एक बेहद ज़रूरी अनाउन्समेंट करना है. मुझे खेद के साथ आपको सूचित करना पड़ रहा है कि हमें एक बम की चेतावनी मिली है. इसलिये मैं आपसे कहना चाहता हूं कि आप अपनी जगह छोड़े दें, अपना सामान उठा लें और शांतिपूर्वक तरीक़े से अपने पास के रास्ते से बाहर निकल जाएं."

जैसे ही ये अनाउन्समेंट हुआ, सभी खिलाड़ी और अम्पायर पवेलियन की ओर बढ़ने लगे. लेकिन दर्शकों के दिमाग में कुछ और ही था. वो मैदान पर उतरने लगे. इसी बीच ग्राउंड्समेन आकर इस भीड़ के बीच पिच को ढंकने की कोशिश में जुट गए. कुछ ही मिनटों में एक अनोखा दृश्य देखने को मिला. पिच को कवर किया जा चुका था, भीड़ मैदान में मौजूद थी और पिच के बीचों-बीच अम्पायर डिकी बर्ड बैठे हुए थे.

England vs West Indies Test Bomb Scare

असल में जब सभी वापस जा रहे थे तो वो बाक़ी खिलाड़ियों-अम्पायरों से पीछे रह गए थे और उनके वापस जाने से पहले ही मैदान में भीड़ घुस आयी थी. वो पिच पर बैठे हुए थे और उनके चारों ओर दर्शक जुटे हुए थे जिसमें ज़्यादातर जनता वेस्ट इंडीज़ समर्थक थी. वो सभी डिकी बर्ड से अपनी मन की बात कह रहे थे. इन बातों में जो सवाल सबसे प्रमुखता से पूछा जा रहा था, वो ये था कि आख़िर डिकी बर्ड वेस्ट इंडीज़ के गेंदबाज़ी के वक़्त इतनी नो-बॉल क्यूं देते थे. पवेलियन में खड़े रोहन कन्हाई ये सब कुछ देख रहे थे. उन्होंने कहा, "चिंता मत करो. मैं उन्हें लेकर आता हूं." वो नीचे उतरे, मैदान में गए और डिकी बर्ड को अपने साथ लेकर आये.

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England vs West Indies Test Bomb Scare
All Image Credit: Getty.

सभी स्टैंड्स खाली कराये जा चुके थे. एक घंटे तक पुलिस ने मैदान में छानबीन की. लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला. मालूम पड़ा कि बम होने की बात महज़ एक अफ़वाह थी. अब, जो लोग मैदान में थे, उन्हें वापस उनकी सीटों पर जाने को कहा गया. इसमें काफ़ी समय लग गया. क़रीब पौने दो घंटे बाद मैच फिर शुरू हुआ. इंग्लैण्ड 233 रनों पर ऑल आउट हो गयी. उन्हें फ़ॉलो ऑन खेलना पड़ा. तीसरा दिन ख़तम होने पर एक बार फिर वो 3 विकेट खो चुके थे. चौथा दिन आराम का दिन था. और पांचवें दिन वेस्ट इंडीज़ बड़े आराम से एक पारी और 226 रनों से ये मैच जीत गयी.

 

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