एस. श्रीसंत अपना बैन समाप्त होने के बाद केरल की रणजी टीम में खेल सकते हैं. केरल क्रिकेट संघ (केसीए) ने सितंबर में उनका बैन समाप्त होने के बाद रणजी टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार करने का फैसला किया है. हालांकि इससे पहले 37 साल के श्रीसंत को अपनी फिटनेस साबित करनी होगी. केरल रणजी टीम के नवनियुक्त कोच टिनू योहानन ने कहा, 'केसीए ने फैसला किया है कि एक बार जब सितबंर में उन पर लगा बैन समाप्त हो जाएगा, तो टीम में चयन के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा.'
टिनू योहानन ने कहा, 'हालांकि टीम में उनका चयन उनके फिटनेस स्तर पर निर्भर करेगा. उन्हें अपनी फिटनेस साबित करनी होगी. इस समय क्रिकेट को लेकर बाहर कुछ भी नहीं हो रहा है, नहीं तो उन्हें मैदान पर इस समय खेलते हुए देखते और उन्हें फिटनेस टेस्ट देते देखते. इस समय कुछ भी कहना मुश्किल है.'
भारत के लिए तीन टेस्ट और इतने ही वनडे मैच खेल चुके योहानन ने आगे कहा कि क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने के लिए श्रीसंत को हर संभव समर्थन दिया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम सब उन्हें फिर से खेलते हुए देखना चाहते हैं. वह 7 साल बाद दोबारा से खेलेंगे. इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या होता है.'
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श्रीसंत ने भारत के लिए अब तक 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी 20 मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने क्रमश: 87, 75 और 7 विकेट झटके हैं. बीसीसीआई ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. 2015 में हालांकि दिल्ली की एक विशेष अदालत ने उन पर लगे सभी आरोपों से उन्हें बरी कर दिया था.
2018 में केरल उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई द्वारा उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को खत्म कर दिया था और उसके खिलाफ सभी कार्यवाही को भी रद्द कर दिया था. हालांकि उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने प्रतिबंध की सजा को बरकरार रखा था.
श्रीसंत ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल मार्च में उनके अपराध को बरकरार रखा था, लेकिन बीसीसीआई को उनकी सजा कम करने को कहा था और भारतीय बोर्ड ने उनकी आजीवन प्रतिबंध की सजा को घटाकर सात साल कर दिया था, जो इस साल अगस्त में समाप्त हो जाएगा.