आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 के फाइनल में भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला होना है. यह मुकाबला 9 मार्च (रविवार) को दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 4 विकेट से पराजित किया था. जबकि कीवी टीम ने दूसरे सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को 50 रनों से शिकस्त देकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी.
फाइनल मैच में कैसी होगी पिच?
भारत और न्यूजीलैंड इसी मैदान पर ग्रुप-स्टेज के मुकाबले में भिड़े थे. तब मेन इन ब्लू ने 44 रनों से जीत हासिल की थी. अब चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में कैसी पिच होगी? इसे लेकर फैन्स के मन में बड़ा सवाल है. अब फाइनल की पिच को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक चैम्पियंस ट्रॉफी फाइनल में उसी पिच का इस्तेमाल होगा, जिस पर भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला खेला गया था.
इस पिच के धीमे और सुस्त होने की उम्मीद है, जिससे स्पिनरों को निश्चित तौर पर मदद मिलेगी. ऐसे में भारतीय टीम को इससे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. जब इस पिच पर भारत-पाकिस्तान का मुकाबला हुआ था, तो स्पिनर्स का बोलबाला देखने को मिला था. उस बड़े मुकाबले में पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था, लेकिन वह 241 रन ही बना सका था. स्पिनर्स कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जडेजा ने मिलकर पांच विकेट लिए था. बाद में भारत ने विराट कोहली के शतक की बदौलत छह विकेट से मैच जीत लिया था. मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती उस मुकाबले का हिस्सा नहीं थे, लेकिन अब वो फाइनल में जरूर खेलेंगे.
देखा जाए तो मौजूदा टूर्नामेंट में दुबई की पिचें बल्लेबाजों की तुलना में गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार रही हैं. दुबई में खेले गए चार मैचों में औसत स्कोर 246 रहा है. इसमें भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाया गया 264 रनों का स्कोर भी शामिल है. हालांकि ऑस्ट्रेलिया का वो स्कोर नाकाफी रहा था. भारतीय टीम ने 49वें ओवर में ही छह विकेट खोकर 265 रनों का टारगेट चेज कर लिया था. दुबई की तुलना में पाकिस्तान में खेले गए 10 मैचों में औसत स्कोर 295 रहा.
ऑस्ट्रेलियाई क्यूरेटर के हवाले है यहां की पिचें
बता दें कि दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम (DICS) में कुल 10 पिचें हैं, जिसका मैनेजमेंट ऑस्ट्रेलियाई क्यूरेटर मैथ्यू सैंडरी करते हैं. ये सभी पिचें एक-दूसरे से काफी हद तक मिलती-जुलती हैं. ये पिचें रैंक टर्नर होती हैं और स्पिनर्स के लिए मददगार मानी जाती हैं. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने चैम्पियंस ट्रॉफी में अब तक दुबई में चार अलग-अलग पिचों का इस्तेमाल किया है. फाइनल के लिए उन चार से एक पिच का यूज किया जाएगा, जो बीच में स्थित है.
उधर भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने कहा कि दुबई में लंबे समय तक रहने से भारत को कोई फायदा नहीं हुआ और इस तरह की आलोचनाएं तभी शुरू हुईं, जब टीम ने चैम्पियंस ट्रॉफी के मैच जीतने शुरू किए. कोटक ने भारत के नेट सत्र के दौरान पत्रकारों से कहा, 'मुझे समझ में नहीं आता कि हमें पिच से क्या फायदा मिलता है. जब हमने मैच जीत लिए तो लोगों को लगा कि भारत को फायदा मिला. मुझे नहीं पता कि इसके बारे में क्या कहूं. मुझे लगता है कि आपको हर दिन अच्छा क्रिकेट खेलना होता है. अगर आप अच्छा नहीं खेलते हैं तो आप शिकायत नहीं कर सकते और अगर आप अच्छा खेलते हैं तो यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि आपको फायदा हुआ या नहीं.'
न्यूजीलैंड का स्क्वॉड: मिचेल सेंटनर (कप्तान), माइकल ब्रेसवेल, मार्क चैपमैन, डेवोन कॉन्वे, काइल जेमिसन, मैट हेनरी, टॉम लैथम (विकेटकीपर), डेरिल मिचेल, विल ओरोर्के, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रवींद्र, जैकब डफी, नाथन स्मिथ, केन विलियमसन, विल यंग.
भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उप-कप्तान), विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, कुलदीप यादव, वरुण चक्रवर्ती, हर्षित राणा, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, वॉशिंगटन सुंदर.
नॉन-ट्रैवलिंग सब्स्टीट्यूट: यशस्वी जायसवाल, मोहम्मद सिराज, शिवम दुबे.