भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. गांगुली ने बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के अध्यक्ष पद की दौड़ से हटने का फैसला किया है. गांगुली ने इस पद के लिए नामांकन तिथि के आखिरी दिन भी पर्चा नहीं भरा. अब गांगुली के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली का 31 अक्टूबर को वार्षिक आम बैठक में इस पद के लिए निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया है.
गांगुली ने ईडन गार्डन्स में पत्रकारों से कहा, 'मैंने कहा था कि जब चुनाव होंगे तभी मैं अपनी दावेदारी पेश करूंगा. चुनाव नहीं हो रहे हैं इसलिए सभी को निर्विरोध चुना जाएगा. गौरतलब है कि बीसीसीआई का अध्यक्ष नहीं चुने जाने के बाद गांगुली ने एक सप्ताह पहले घोषणा की थी कि वह कैब प्रमुख के रूप में फिर से वापसी करने के लिए चुनाव लड़ेंगे.
हाल ही में बीसीसीआई से हुई थी विदाई
50 साल के सौरव गांगुली की हाल ही में बीसीसीआई प्रेसिडेंट पोस्ट से विदाई हुई थी. पूर्व क्रिकेटर रोजर बिन्नी 18 अक्टूबर को सौरव गांगुली की जगह ली थी. रोजर बिन्नी उस भारतीय टीम के सदस्य थे जिसने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में पहली बार वनडे विश्व कप जीता था. रोजर बिन्नी जहां बीसीसीआई के नए बॉस बने, वहीं जय शाह सचिव पद पर अब भी विराजमान हैं.
आईसीसी का चेयरमैन भी नहीं बन पाए गांगुली
गांगुली ने कहा, 'अगर मैं चुनाव लड़ता तो फिर दो या उससे अधिक लोगों को कोई पद नहीं मिलता इसलिए मैं हट गया. मैं निर्विरोध चुना जाता लेकिन मुझे लगा कि यह सही नहीं है. वे अगले तीन साल तक काम करेंगे और हम उसके बाद देखेंगे.' गांगुली को लेकर इस बात की भी अटकलें थीं कि वह आईसीसी के अध्यक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे लेकिन बीसीसीआई में इसके लिए एकमत फैसला नहीं हो सका. इस कारण गांगुली वहां भी अपनी उम्मीदवारी नहीं रखे.
सौरव गांगुली का शुमार भारत के सबसे सफल कप्तानों में किया जाता है. उन्होंने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारत की कप्तानी की. गांगुली ने टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचाया जो देश ही नहीं, बल्कि देश के बाहर भी जीतना जानती थी. सौरव गांगुली ने अपने करियर में 113 टेस्ट मैचों में 42.17 की औसत से 7212 रन बनाए, जिनमें 16 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं. वहीं 311 वनडे मैचों में उन्होंने 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 22 शतक और 72 अर्धशतक निकले.