अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स संघों के महासंघ (फिका) ने कहा है कि पाकिस्तान का दौरा करने वाली विदेशी टीमों को अब भी अस्वीकार्य जोखिम का सामना करना होगा. फिका ने उस समय यह बयान दिया है जब जिंबाब्वे पाकिस्तान का दौरा करने की तैयारी कर रहा है, जो छह साल पहले श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद आईसीसी के किसी पूर्ण सदस्य का देश का पहला दौरा होगा.
जिंबाब्वे और पाकिस्तान के क्रिकेट बोर्ड ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि जिंबाब्वे इस महीने पाकिस्तान में सीमित ओवरों के 5 मैच खेलेगी जो 2009 में श्रीलंका की टीम बस पर आतंकी हमले के बाद टेस्ट खेलने वाले किसी देश का पहला पाकिस्तान दौरा होगा. फिका ने कहा कि उसके सुरक्षा विशेषज्ञों ने कहा है कि यह दौरा नहीं होना चाहिए.
फिका के कार्यकारी अध्यक्ष टोनी आयरिश ने ईमेल में कहा, 'हम खिलाडि़यों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं और पाकिस्तान में भेजे जाने वाले किसी भी मैच अधिकारी को लेकर भी.' क्या यह दौरा होना चाहिए? उन्होंने कहा, 'फिका के सुरक्षा सलाहकारों से हमें जो जोखिम आकलन रिपोर्ट मिली है उसके अनुसार पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय दौरा अस्वीकार्य जोखिम बना हुआ है और फिलहाल टीमों को वहां नहीं जाने की सलाह दी जाती है.'
श्रीलंका टीम के काफिले पर हुए हमले में 6 पुलिस अधिकारी और वैन का ड्राइवर मारा गया था. लाहौर में टेस्ट मैच के लिए स्टेडियम जा रहे श्रीलंका के कई खिलाड़ी भी घायल हुए थे. जिंबाब्वे को जो दो टी-20 और तीन वनडे खेलने हैं वे सभी लाहौर में ही होंगे. श्रीलंका टीम पर आतंकी हमले की घटना के बाद से पाकिस्तान को अपनी सभी घरेलू सीरीज यूएई में खेलने के लिए बाध्य होना पड़ा है और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड देश में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी को लेकर बेताब है.
हालांकि फिका ने कहा, 'हमें भरोसा है कि सुरक्षा योजना को लेकर पीसीबी हर संभव प्रयास करेगा लेकिन हमारे विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि जोखिम काफी अधिक है.'