क्रिकेट को जानें: क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है और यह लोगों को आपस में जोड़ने का काम करता है. साल 1983 में वर्ल्ड कप जीत के बाद भारत में इस खेल के प्रति लोगों की रुचि लगातार बढ़ती चली गई. आईपीएल जैसी लुभावनी टी20 लीग ने इस खेल की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया है.
क्रिकेट खेलने के लिए भी ढेर-सारे नियम बनाए गए हैं. क्रिकेट के संचालन नियमों को मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने बनाया है. आधिकारिक रूप से क्रिकेट में 42 नियम होते हैं, जिसे एमसीसी की रूल बुक में विस्तार समझाया गया है. आइए जानते हैं इसके दूसरे नियम के बारे में-
2. अंपायरिंग के नियम
2.1 नियुक्ति और उपस्थिति
मैच से पहले दो अंपायरों को नियुक्त किया जाएगा, जो एक-एक छोर से पूर्ण निष्पक्षता के साथ नियमों के तहत मैच का नियंत्रण करेंगे. अंपायर प्रत्येक दिन का खेल शुरू होने से कम से कम 45 मिनट पहले मैदान पर उपस्थित होंगे और मैदान के कार्यकारी अधिकारी को रिपोर्ट करेंगे.
2.2 अंपायर का परिवर्तन
असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर मैच के दौरान अंपायर को तब तक नहीं बदला जाएगा जब तक कि वह घायल या बीमार न हो. यदि अंपायर को बदलना जरूरी हुआ तो सब्स्टीट्यूट अंपायर केवल स्ट्राइकर छोर पर ही कार्य करेगा जब तक कि दोनों कप्तान सहमत न हो जाए कि सब्स्टीट्यूट अंपायर को पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
2.3 कप्तानों के साथ परामर्श
टॉस से पहले दोनों अंपायर-
2.3.1 कप्तानों से मिलेंगे.
2.3.1.1 अंपायर ही तय करेंगे कि मैच के दौरान उपयोग की जाने वाली गेंदें कौन सी होंगी.
2.3.1.2 खेलने के घंटे, खाने एवं ड्रिंक्स के अंतराल का समय और अवधि. एक दिन के मैच में चाय के अंतराल के लिए किसी विशिष्ट समय सीमा तय नहीं होगा. इसके बजाय पारियों के बीच इस अंतराल को लेने पर सहमति हो सकती है.
2.3.1.3 मैच के दौरान कौन सी घड़ी का उपयोग करना है और उसके खराब होने पर किस घड़ी को माना जाए.
2.3.1.4 खेल के मैदान की बाउंड्री और बॉल के बाउंड्री पार जाने पर मिलने वाले रन, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या खेल के मैदान के अंदर किसी अवरोध को बाउंड्री माना जाना चाहिए.
2.3.1.5 कवर्स का उपयोग.
2.3.1.6 मैच के संचालन को प्रभावित करने वाली खेल की कोई विशेष स्थिति.
2.3.2 स्कोरर्स को नियम 2.3.1.2, 2.3.1.3, 2.3.1.4 और 2.3.1.6 के मुताबिक हुई सहमति की सूचना देंगे.
2.4 विकेट, क्रीज और बाउंड्री.
टॉस से पहले और मैच के दौरान अंपायर खुद को संतुष्ट करेंगे कि
2.4.1 विकेट ठीक से पिच किए गए हैं
2.4.2 क्रीज सही ढंग से मार्क है या नहीं.
2.4.3 खेल के मैदान का बाउंड्री नियम 19.1 (खेल के मैदान की बाउंड्री का निर्धारण), 19.2 (बाउंड्री की पहचान और चिन्हित करना) और 19.3 (सीमा को बहाल करना) की आवश्यकताओं को पूरा करती है.
2.5 मैच का संचालन, उपकरण और उपकरण
टॉस से पहले और मैच के दौरान अंपायर खुद को संतुष्ट करेंगे कि
2.5.1 मैच का संचालन कड़ाई से नियमानुसार हो रहा है.
2.5.2 मैच में इस्तेमाल की गई चीजें निम्नलिखित के अनुरूप हैं:
2.5.2.1 नियम 4 (गेंद).
2.5.2.2 नियम 5 (द बैट ).
2.5.2.3 नियम 8.2 (स्टंप का माप) और 8.3 (बेल्स) या यदि लागू हो तो नियम 8.4 (जूनियर क्रिकेट).
2.5.3 कोई भी खिलाड़ी स्वीकृत चीजों के अलावा अन्य चीजों का उपयोग नहीं कर रहा हो.
2.5.4 विकेटकीपर के ग्लव्स कानून 27.2 (दस्ताने) की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं.
2.6 उचित और अनुचित खेल
अंपायर उचित एवं अनुचित खेल के एकमात्र निर्णायक होंगे.
2.7 खेलने के लिए फिटनेस
2.7.1 यह पूरी तरह से अंपायरों को मिलकर तय करना है कि क्या मैदान की स्थिति, मौसम या प्रकाश या असाधारण परिस्थितियां खेल को जारी रखने के खतरनाक या अनुचित बनाती हैं.
परिस्थितियों को केवल इसलिए खतरनाक या अनुचित नहीं माना जाना चाहिए क्योंकि वे आदर्श नहीं हैं.
यह तथ्य कि घास और गेंद गीली है, मैदान की स्थिति को अनुचित या खतरनाक नहीं बनाती हैं.
2.7.2 किसी भी खिलाड़ी या अंपायर की सुरक्षा को वास्तविक या संभावित खतरा है, तो परिस्थितियां खतरनाक मानी जाएगी.
2.7.3 परिस्थितियां अनुचित मानी जाएगी, यदि सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होने के बावजूद खेल जारी रखना समझदारी नहीं होगी.
2.7.4 यदि अंपायर को लगता है कि मैदान इतना गीला या फिसलन भरा है कि गेंदबाज पैर जमा कर रख पाने की स्थिति में नहीं है, या क्षेत्ररक्षकों को स्वतंत्र रूप से मूवमेंट करनी की आजादी न मिले, या बल्लेबाज को अपने स्ट्रोक खेलने या विकेट्स के बीच दौड़ने की क्षमता प्रभावित हो, तो इन स्थितियों को इतना बुरा माना जाएगा कि खेल जारी रखना खतरनाक और अनुचित होगा.
2.8 खतरनाक या अनुचित परिस्थितियों में खेल को स्थगित करना
2.8.1 मैदान के सभी संदर्भों में पिच शामिल है.
2.8.2 यदि अंपायर को लगता है कि मैदान, मौसम या प्रकाश या कोई अन्य परिस्थितियां खतरनाक या अनुचित है, तो अंपायर तुरंत खेल को स्थगित कर देगा या खेल को शुरू करने या फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं देगा.
2.8.3 जब खेल को स्थगित किया जाता है तो यह अंपायरों की जिम्मेदारी है कि वे परिस्थितियों पर नजर रखें. वे जितनी बार उचित हो मैदान का निरीक्षण करेंगे, किसी भी खिलाड़ी या अधिकारियों के साथ नहीं. तुरंत अंपायर एक साथ सहमत होते हैं कि स्थितियां अब खतरनाक या अनुचित नहीं हैं, तो वे खिलाड़ियों को फिर से खेल शुरू करने के लिए कहेंगे.
2.9 अंपायरों का स्थान
अंपायर ऐसे स्थान पर खड़े होंगे जहां वे किसी भी चीज को अच्छे ढंग से देख सकते हैं, जिस पर उन्हें अपना निर्णय देना पड़ सकता है.
इस महत्वपूर्ण विवेचना को ध्यान में रखते हुए गेंदबाजी छोर पर अंपायर इस स्थिति में खड़ा होगा कि वह गेंदबाज के रन-अप या स्ट्राइकर के दृश्य को बाधित न करे.
स्ट्राइकर छोर का अंपायर ऑनसाइड के बजाय ऑफ साइड पर खड़े होने का चुनाव कर सकता है, बशर्ते वह क्षेत्ररक्षण टीम के कप्तान, स्ट्राइकर और दूसरे अंपायर को सूचित करे.
2.10 अंपायर के छोरों में बदलाव
दोनों टीमों की एक-एक पारी पूरी हो जाने के बाद अंपायर अपना छोर बदल देंगे.
2.11 असहमति और विवाद
जहां किसी बात को लेकर असहमति या विवाद होता है, वहां अंपायर मिलकर अंतिम फैसला करेंगे.
2.12 अंपायर का फैसला
एक अंपायर किसी भी निर्णय को बदल सकता है बशर्ते कि ऐसा परिवर्तन तुरंत किया गया हो. इस परिस्थिति को छोड़ अंपायर का निर्णय अंतिम होता है.
2.13 सिग्नल
2.13.1 अंपायरों द्वारा निम्नलिखित संकेतों का उपयोग किया जाएगा:
2.13.1.1 गेंद के प्ले में रहते हुए दिए जाने वाले संकेत
डेड बॉल - कमर के नीचे कलाइयों को कई बार क्रॉस करना.
नो बॉल - एक बाजू को आड़े रूप से फैलाकर.
आउट - अपनी तर्जनी को सिर के ऊपर उठाना (अगर आउट नहीं होता है तो अंपायर नॉट आउट कॉल करेगा).
वाइड- दोनों भुजाओं को आड़े रूप से फैलाकर.
2.13.1.2 जब गेंद डेड हो जाती है तो गेंदबाजी छोर का अंपायर 2.13.1.1 के संकेतों (आउट छोड़ के) को स्कोरर्स के लिए दोहराएगा.
2.13.1.3 निम्नलिखित संकेत केवल गेंद के डेड होने के बाद पर ही स्कोर करने वाले को दिए जाएंगे.
बाउंड्री 4 - एक बाजू को एक ओर से दूसरी ओर से लहराते हुए अपने छाती पर समाप्त करना.
बाउंड्री 6 - दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाना.
बाई - खुली हुई बाजू को सिर के ऊपर उठाना.
अंतिम घंटे की शुरुआत - अपनी एक कलाई को उठाकर दूसरे हाथ से उठी हुई कलाई की ओर इशारा करना.
बल्लेबाजी टीम को पांच पेनल्टी रन- एक कंधे को विपरीत हाथ से बार-बार छूना.
फील्डिंग टीम को पांच पेनल्टी रन - एक हाथ विपरीत कंधे पर रखना.
लेग बाई - उठे हुए घुटने को हाथ से छूना.
नई गेंद - गेंद को सिर के ऊपर पकड़ कर रखना
पिछले निर्णय को रद्द करना - दोनों कंधों को विपरीत हाथों से छूना.
शॉर्ट रन - एक हाथ को ऊपर की ओर मोड़कर पास के कंधे को उंगलियों से छूना.
निम्नलिखित संकेत प्लेयर के आचरण उल्लंघन (player conduct offences) के लेवल 3 और 4 के लिए हैं. प्रत्येक संकेत के दो भाग होते हैं, दोनों के लिए स्कोर्स को अलग-अलग स्वीकृति देनी पड़ेगी.
लेवल 3 उल्लंघन भाग 1 - एक हाथ को शरीर के उसी ओर उठाकर बार-बार ऊपर-नीचे करना.
भाग 2 - दोनों हाथों की सभी अंगुलियों को कंधे की ऊंचाई तक फैलाना और स्कोर्स को दिखाना.
लेवल 4 उल्लंघन भाग 1 - एक हाथ को शरीर के उसी ओर बाहर उठाकर बार-बार ऊपर-नीचे करना.
भाग 2 - तर्जनी को उसी बाजू की ओर कंधे की उंचाई तक उठाकर रखना.
नियम 2.13.1.4 2.13.1.3 में सभी संकेत गेंदबाज छोर के अंपायर द्वारा दिए जाने हैं, सिवाय शॉर्ट रन के जो कि उस छोर के अंपायर द्वारा अंत में संकेत दिया जाना है जिस छोर पर शॉर्ट रनिंग हुआ है. हालांकि, गेंदबाजी छोर के अंपायर की जिम्मेदारी होगी कि वह स्कोरर को शॉर्ट रन का अंतिम संकेत दे. साथ ही, यह भी संकेत दे कि कितने रन दर्ज किए जाने हैं.
2.13.2 किसी संकेत के बाद खेल को आगे बढ़ने की अनुमति देने से पहले अंपायर्स प्रतीक्षा करेगा जब तक कि स्कोरर द्वारा प्रत्येक संकेत को अलग-अलग स्वीकार नहीं किया जाता है.
यदि कई संकेतों का उपयोग किया जाना है, तो उन्हें उस क्रम में दिया जाना चाहिए जिस क्रम में घटनाएं हुई हैं.
2.14 अंपायरों को सूचित करना
पूरे नियमों में जहां भी अंपायरों को कप्तानों या अन्य खिलाड़ियों से जानकारी प्राप्त करनी होती है, तो एक अंपायर को इस बारे में सूचित करना काफी होगा और वह अपने साथी अंपायर को सूचित कर सकता है.
2.15 स्कोर्स का सही रहना
संशय होने पर अंपायरों और स्कोरर्स के बीच परामर्श आवश्यक है. अंपायर पूरे मैच के दौरान बनाए गए रनों की संख्या, गिरे हुए विकेट और, फेंके गए ओवरों की संख्या की के बारे में खुद को संतुष्ट करेंगे. वे ड्रिंक्स इंटरवल के अलावा मैच के समापन पर स्कोरर्स के साथ इन सबके बारे में सहमत होंगे.