न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में शनिवार को जब टीम इंडिया और जिंबाब्वे के बीच ईडन पार्क में मैच हो रहा था, कुछ सिख फैन्स को मैदान में घुसने नहीं दिया गया क्योंकि उनके पास कृपाण था. न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री जॉन ने उन सिखों के प्रति सहानुभूति जताई है. जीत के बाद ये बोले, धोनी और रैना
प्रधानमंत्री जॉन ने कहा कि यह नियम आईसीसी ने तय किए हैं कि न्यूजीलैंड के क्रिकेट आयोजन स्थलों पर क्या लाया जा सकता है और क्या नहीं. शनिवार को सात सिखों को ईडन पार्क में मैच देने के लिए जाने से रोक दिया गया था, इस बारे में कहा गया था, ‘यह उनका टूर्नामेंट है, हमारा नहीं. इसलिए हम उन्हें नहीं बता सकते कि क्या करना है और क्या नहीं.’ हाल के हफ्तों में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की है और उनकी स्थिति पर सहानुभूति जताई थी.
सिख धार्मिक आस्थाओं के कारण कृपाण को अपने पास रखते हैं, लेकिन आईसीसी इसे हथियार मानता है. जॉन ने कहा, ‘कृपाण के बारे में मेरी समझ यह है कि यह काफी छोटी और कम धार वाली चीज है.’ उन्होंने कहा, ‘और अगर आप यह कहना चाहते हो कि इससे कोई किसी को नुकसान पहुंचा सकता है तो मैदान पर कई और चीजें हैं जिनसे नुकसान पहुंचाए जाने की संभावना अधिक है जैसे वाइन की बोतल या कुछ और.’
सुप्रीम सिख काउंसिल के अध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि आईसीसी के इस फैसले से सिख समुदाय के लोग नाराज हैं और वे कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं. जॉन ने साथ ही संकेत दिया कि सरकार मौजूदा नागरिक उड्डयन प्राधिकरण नियमों को बदलाव कर सकती है जिससे कि कृपाण को विमानों में ले जाया जा सके. फिलहाल न्यूजीलैंड में कृपाण लेकर चलना वैध है लेकिन इसे विमान में नहीं ले जाया जा सकता.
इनपुट भाषा से