भारत और इंग्लैंड की महिला क्रिकेट टीम के बीच हाल ही में हुई वनडे सीरीज़ काफी सुर्खियों में रही थी. भारत ने यहां 3 मैच की सीरीज में क्लीन स्वीप कर इतिहास रचा था. लेकिन लॉर्ड्स में खेला गया आखिरी वनडे मैच एक रनआउट की वजह से विवादों में रहा. दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड की चार्ली डीन को ‘मांकड़िंग’ रनआउट किया था.
शुक्रवार को भारत के दिग्गज कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इस मसले पर एक लंबा कमेंट लिखा था, जो काफी वायरल हुआ था. हर्षा भोगले ने अपने इस कमेंट में इंग्लैंड के खिलाड़ियों की सोच और परवरिश को शामिल कर लिया था. अब हर्षा भोगले के इस ट्वीट पर इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने जवाब दिया है.
इंग्लैंड के बेन स्टोक्स ने लिखा कि हर्षा, मांकड़ के विषय पर लोगों के दिए ओपिनियन पर आप कल्चर को लेकर आ रहे हैं? बेन स्टोक्स ने एक और ट्वीट में लिखा कि 2019 वर्ल्डकप के फाइनल को 2 साल से अधिक हो गया है, आजतक मैं उस फाइनल को लेकर कई तरह के मैसेज रिसीव करता हूं जिसमें से भारतीय फैन्स के मैसेज भी हैं. क्या इससे आपको दिक्कत होती है?
Harsha … bringing culture into peoples opinion over a Mankad? https://t.co/QNyY8K59kP
— Ben Stokes (@benstokes38) October 1, 2022
एक अन्य ट्वीट में बेन स्टोक्स ने लिखा कि क्या ये कल्चर से जुड़ी चीज़ है? बिल्कुल नहीं, दुनियाभर से मुझे ओवरथ्रो के लिए मैसेज आते हैं, इसी तरह लोग मांकड़िंग को लेकर दुनियाभर से अलग-अलग बात को लेकर मैसेज भेज रहे हैं, सिर्फ इंग्लिश लोग ही ऐसा नहीं कर रहे हैं.
हर्षा भोगले ने लिखा था क्या मैसेज?
आपको बता दें कि दीप्ति शर्मा के उस रनआउट पर काफी बवाल हुआ था, लंबे वक्त तक अलग-अलग कमेंट आए. और अब बीते दिन हर्षा भोगले ने अपने ट्विटर अकाउंट पर 8 ट्वीट किए थे, जिसमें उन्होंने विस्तार से इंग्लैंड द्वारा की गई आलोचना की निंदा की थी. साथ ही कहा था कि इंग्लैंड की सोच में है कि वो चाहते हैं दुनिया उनके हिसाब से ही सोचे.
Harsha .. 2019 WC final was over 2 years ago, I still till this day revive countless messages calling me all sorts from Indian fans, does this disturb you? https://t.co/m3wDGM7eU3
— Ben Stokes (@benstokes38) October 1, 2022
हर्षा भोगले ने अपने ट्वीट में कहा था, ‘मुझे ये बात बहुत ही परेशान कर रही है कि इंग्लैंड की मीडिया का एक बहुत बड़ा हिस्सा एक ऐसी लड़की पर सवाल उठा रहा है जिसने खेल के नियमों के दायरे में रहकर खेला और कोई भी उस खिलाड़ी पर सवाल नहीं उठा रहा है जो ग़ैर-कानूनी तरीक़े से फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रही थी और ऐसा वो कई बार कर चुकी थी. इसमें बेहद तर्कसंगत लोग भी शामिल हैं और मुझे लगता है कि इसके पीछे संस्कृति का हाथ है. अंग्रेज़ ये सोच रहे हैं कि जो हुआ वो ग़लत था और क्यूंकि उन्होंने क्रिकेट की दुनिया के बेहद बड़े हिस्से पर राज किया है, इसलिये उन्होंने सभी को ये बताया कि वो ग़लत था.’
Is this a culture thing?? ….absolutely not,I receive messages regarding the overthrows from people all over world,as people all over the world have made comment’s on the Mankad dismissal, not just people who are English https://t.co/m3wDGMpo8b
— Ben Stokes (@benstokes38) October 1, 2022
उन्होंने आगे लिखा था, ‘उपनिवेशी प्रभुता इतनी ताक़तवर थी कि उसपर बहुत कम उंगलियां उठीं. नतीजा ये रहा कि आज भी यही समझा जाता है कि इंग्लैंड जिसे ग़लत समझे, बची हुई क्रिकेट की दुनिया को उसे ग़लत ही समझना चाहिये. ठीक वैसे ही, जैसे ऑस्ट्रेलियाई लक्ष्मण रेखा पार न करने का उपदेश देते हैं. वो लक्ष्मण रेखा, जो उन्होंने अपनी संस्कृति के अनुसार ख़ुद ही खींची है और जो दूसरों के अनुसार ठीक नहीं हो सकती है. बाकी दुनिया इंग्लैंड की सोच के अनुसार चलने के लिये प्रतिबद्ध नहीं है और इसीलिए जो ग़लत है वो हमें साफ़ नज़र आ रहा है. ये भी सोचना ग़लत है कि टर्न लेने वाली पिचें ख़राब हैं और सीमिंग पिचें एकदम सही हैं.’
हर्षा भोगले ने इंग्लैंड की संस्कृति पर सवाल खड़े किए थे, जिसपर बेन स्टोक्स ने आपत्ति जताई है. हर्षा ने लिखा था, ‘ये संस्कृति का मुद्दा है, ऐसा मैं इसलिये कह रहा हूं क्यूंकि ये ऐसी ही सोच के साथ बड़े होते हैं. इन्हें नहीं समझ में आता कि ये ग़लत है. ऐसे में समस्या खड़ी होती है और इसमें हम भी तब दोषी पाये जाते हैं जब लोग एक-दूसरे के नज़रिये के कारण लोगों को जज करते हैं. इंग्लैंड चाहता है कि बाकी के देश नॉन-स्ट्राइकर बल्लेबाज़ को रन आउट न करे और वो दीप्ति और ऐसा करने वाले बाकी खिलाड़ियों के प्रति बेहद आलोचनात्मक और कटुता से भरे रहे हैं. ऐसे में हम भी ये पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं कि बाकी लोग भी सदियों पुरानी इस गहरी नींद से जागें.’
हर्षा ने आखिरी में नियम को बताया और कहा, ‘नियम ये कहता है कि जब तक गेंदबाज़ की बांह अपने सबसे ऊपरी पॉइंट पर रहे, नॉन-स्ट्राइकर को क्रीज़ के पीछे उस वक़्त तक रहना चाहिये. यदि आप इसका पालन करेंगे तो खेल आराम से आगे बढ़ता जायेगा. यदि आप दूसरों पर उंगलियां ही उठाते रहेंगे, जैसा कि इंग्लैंड में कई लोगों ने दीप्ति पर उठायी है, आप अपने लिये सवालों को आमंत्रण देते रहेंगे. ये ज़रूरी है कि ताकतवर स्थिति पर बैठे लोग, या वो जो कभी ताकतवर थे, ऐसा सोचना छोड़ दें कि दुनिया उनके ही हिसाब से चलेगी. जैसा कि समाज में होता है, एक न्यायाधीश ये सुनिश्चित करता है कि विधि का पालन हो, ऐसा ही क्रिकेट में भी होता है. लेकिन जिस तरह से दीप्ति के प्रति कटुतापूर्ण बातें कही गयीं, मुझे इससे बेहद परेशानी हुई. वो नियमों में रहकर खेल रही थी और उसके किये की आलोचना पर तुरंत पूर्ण विराम लगना चाहिये.’
आपको बता दें कि इंग्लैंड और भारत के बीच तीन मैच की वनडे सीरीज़ का आखिरी मैच लॉर्ड्स में खेला गया था, यह झूलन गोस्वामी का आखिरी वनडे मैच था. टीम इंडिया ने पहले बैटिंग करते हुए 169 का स्कोर बनाया, जवाब में इंग्लैंड की टीम 153 रन ही बना पाई. जब इंग्लैंड के नौ विकेट गिर चुके थे, उस वक्त इंग्लैंड को 39 बॉल में 17 रनों की जरूरत थी. दीप्ति शर्मा बॉलिंग करने आईं और तभी नॉन-स्ट्राइक एंड पर खड़ीं चार्ली डीन जब अपनी क्रीज़ से बाहर निकलीं तो दीप्ति ने उन्हें रनआउट कर दिया. पहले इसे मांकड़िंग कहा जाता था, लेकिन अब आईसीसी के नियमों के मुताबिक यह रनआउट ही है.