पर्थ टेस्ट में लगातार गेंद बदलने की जरूरत पड़ने के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि कुकाबुरा इन लाल गेंदों की जांच करेगा.न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पर्थ टेस्ट में कुकाबुरा गेंदों को लगातार बदलने की जरूरत पड़ी. टेस्ट के दौरान ये कुकाबुरा गेंद तुरंत ही नहीं खेलने लायक स्थित में पहुंच गए. मैच के दौरान अंपायर लगातार गेंदबाजी कर रही टीम को बदली हुई गेंद देते देखे गए.
वाका मैदान पर पहले दिन डेविड वार्नर ने 253 रनों की मैराथन पारी खेली. इस दौरान न्यूजीलैंड टीम को दी गई दूसरी नई गेंद केवल तीन डिलिवरी के बाद ही बदली पड़ी. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम पर्थ टेस्ट के दौरान इस्तेमाल की गई इन गेंदों की सेट को कंपनी को सौंपेंगे. कुकाबुरा कंपनी इन गेंदों के जल्द खराब होने की जांच करेगी. अन्य टेस्ट मैच की ही भांति क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया मैच के अधिकारियों और क्रिकेटर्स से फीडबैक लेगी.
खराब गेंदों ने तीसरे दिन के खेल को भी बार बार प्रभावित किया. लगातार पांच ओवर्स फेंकने के बाद ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स को दूसरी नई गेंद दी गई. जॉश हेजलवुड ने तुरंत पहली ही गेंद पर केन विलियम्सन को आउट कर दिया. फिर जब मिशेल स्टार्क ने गेंदबाजी संभाली तो उनकी फेंकी गेंदें कहीं अधिक स्विंग कर रही थीं. दूसरे दिन स्टंप्स के बाद डेविड वार्नर ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में कुकाबुरा गेंदों की क्वालिटी खराब हुई है. ये लगातार पांचवा या छठा मैच है जब हमें कुकाबुरा गेंदों को एक से अधिक बार बदलना पड़ा. ये बॉलर की लय को बिगाड़ देता है.’
न्यूजीलैंड के बॉलर डग ब्रेसवेल इस स्थिति से बेहद परेशान दिखे. उन्होंने कहा, ‘ये हार्ड विकेट है. ये बॉल इन दिनों बहुत जल्दी नरम पड़ जाते हैं.’ ऑस्ट्रेलिया के साथ स्थिति अलग नहीं है.
एसजी गेंदों पर भी उठे सवाल
भारत के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने अभी पिछले दिनों ही एसजी गेंदों की क्वालिटी पर सवाल उठाया है. हालांकि उन्होंने अपने यह कहा था कि वो एसजी की तुलना में कुकाबुरा गेंदों का लुत्फ ज्यादा उठाते हैं. भारत में एसजी गेंदों के इस्तेमाल का प्रचलन है.
इस साल के शुरुआत में न्यूजीलैंड-श्रीलंका के बीच खेले गए वेलिंग्टन टेस्ट के दौरान कुकाबुरा गेंद को सात बार बदलने की जरूरत पड़ी. न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने तब कहा, ‘मुझे विश्वास है कि कुकाबुरा इसका हल निकालेगी लेकिन ये बहुत ही निराशाजनक स्थिति है. आखिर हमें गोलाकार गेंद से खेलना होता है. हम शिकायत कर रहे हैं. लेकिन जब यह अपना आकार बदलने लगती है तो पूरा मैच ही अनुचित लगने लगता है.’
अब गुलाबी गेंदों से खेले जाएंगे टेस्ट मैच
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच 27 नवंबर से एडिलेट में शुरू हो रहे टेस्ट में कुकाबुरा कंपनी की गुलाबी रंग की गेंदों का पहली बार प्रयोग होने जा रहा है. दिन रात के इस पहले टेस्ट मैच में इन गुलाबी गेंदों के प्रयोग से न्यूजीलैंड की टीम उत्साहित नहीं है. अभी पिछले महीने ही न्यूजीलैंड की टीम ने इन गुलाबी गेंदों से खेला था लेकिन उन्हें ये नहीं पसंद आईं.
उधर ऑस्ट्रेलिया अपने घरेलू क्रिकेट में इन गेंदों का इस्तेमाल कर चुका है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ इन गेंदों के प्रयोग से टेस्ट मैचों के फिर से रोमांचक होने की उम्मीद कर रहे हैं. उनका मानना है कि इन गेंदों के प्रयोग से मैदान में दर्शकों को खींचने में मदद मिलेगी.