धोनी, कोहली और रहाणे ये वो सरनेम हैं, जिन्हें देश का बच्चा-बच्चा जानता है. भारतीय खेल प्रेमी अपने इन खिलाड़ियों से बेहद प्यार करते है और उनपर गर्व करते है. अपने हुनर और दमदार प्रदर्शन के बूते इन खिलाड़ियों ने अपना और देश का नाम दुनियां में रोशन किया है.
महेंद्र सिंह धोनी सबसे सफल कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी देश से सबसे सफल कप्तान हैं, तो विराट कोहली नई युवा रन मशीन और रहाणे मिस्टर भरोसेमंद हैं. इन तीनों बल्लेबाजों ने अपने शानदार प्रदर्शन के बूते दुनिया भर में खूब नाम कमाया है.
एक नए विज्ञापन में छाए हुए हैं तीनों
एक टीवी चैनल ने 'नई सोच' के नाम से एक नया अभियान शुरू किया है, जिसका मकसद महिलाओं को पुरुषों के बराबर सम्मान देना है. इस अभियान में महिलाओं को समाज में पीछे रखने वाली विभिन्न सामाजिक रूढ़िवादी परंपराओं पर सवाल खड़े करता है. टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली, वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बल्लेबाज अजिंक्ये रहाणे ने इस अभियान को समर्थन किया है.
तीन अलग-अलग विज्ञापन बनाए गए हैं
इस अभियान के तहत तीन अलग-अलग विज्ञापन बनाए हैं. एक विज्ञापन में महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसी जर्सी पहने हुए नजर आते हैं, जिस पर उनकी मां देवकी का नाम लिखा है. जब संवाददाता इसके पीछे की वजह को लेकर सवाल करता है, तो धोनी जवाब देते हैं, 'मैं इतने साल से अपना पिता के नाम की जर्सी पहन रहा था, तब तो आपने कभी नहीं पूछा, कोई खास वजह. ?
कोहली की जर्सी पर उनकी मां का नाम लिखा है
दूसरे विज्ञापन में विराट कोहली की जर्सी पर उनकी मां सरोज का नाम लिखा है. इस पर विराट कोहली यह कहते हुए नजर आ रहे हैं, 'आप सोचते होंगे ये नाम किसका है, मेरा ही है, आज मैं जो भी हूं, मम्मी की वजह से ही तो हूं. तो जाहिर सी बात है, मेरी पहचान भी सिर्फ पापा के नाम से क्यों.? जितना कोहली हूं, उतना सरोज भी हूं, है या नहीं.'
तीसरे विज्ञापन में रहाणे की जर्सी पर उनका नाम लिखा है
तीसरे विज्ञापन में अजिंक्य रहाणे की जर्सी के पीछे उनकी मां सुजाता का नाम लिखा है और रहाणे कहते हैं, 'जब मैं छोटा था, तब मेरी मां मेरा किटबैग उठाती थीं, और मेरे छोटे भाई को गोदी में लेकर रोज मुझे प्रैक्टिस के लिए लेकर जाती थीं, मेरी प्रैक्टिस भी उनकी कसरत बन जाती थी, लोग कहते हैं, बाप का नाम रोशन करो, लेकिन मेरे लिए मां का नाम रोशन करना भी उतना ही जरूरी है.'
इन खिलाड़ियों की सफलता के पीछे इनकी मां का बड़ा योगदान रहा है
असल जिंदगी में भी इन तीनों खिलाड़ियों की सफलता के पीछे कहीं न कहीं उनकी मां का योगदान है. हम जानते हैं कि विराट कोहली जब 18 साल के थे, उनके पिता की मौत हो गई थी. तब उनकी मां ने वह हरसंभव कोशिश की, जिससे वह अपने पापा का सपना पूरा करते हुए एक अच्छे क्रिकेटर बनें, जो वह बने. बचपन में अजिंक्ये रहाणे जब प्रैक्टिस करने जाते थे, उनकी मां ही उनका किटबैग उठाए उन्हें ड्रॉप करने जाती थीं और प्रैक्टिस के बाद किटबैग लेकर वापस घर आती थीं. उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह ऑटो में जा सकें. उधर, धोनी की सफलता के पीछे भी कहीं न कहीं उनकी मां का काफी योगदान है.