तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर की कमी का दावा करते हुए भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने सोमवार को स्वीकार किया कि उनके पास मंगलवार यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में तीन गेंदबाजों और दो स्पिनरों सहित पांच गेंदबाजों के साथ उतरने के अलावा कोई चारा नहीं है.
धोनी ने मैच से पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'संभावना है कि यह 3-2 का संयोजन होगा. हमारे पास तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर नहीं हैं. खिलाड़ियों को लेकर हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा.' कप्तान के इस बयान से हिमाचल प्रदेश के ऋषी धवन टीम में जगह बनाने की दौड़ से बाहर हो गए हैं क्योंकि उन्हें टीम में ऑलराउंडर के रूप में चुना गया था.
हर चुनौती मौका और हर मौका चुनौती
धोनी ने आस्ट्रेलिया दौरे पर आए युवा खिलाड़ियों को संदेश देते हुए कहा, 'हर चुनौती को मौका मानो और हर मौके को चुनौती.' कप्तान ने कोई नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने साफ संकेत दिए कि बायें हाथ के तेज गेंदबाज बरिंदर सरन श्रृंखला में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करेंगे क्योंकि टीम को भरोसेमंद मोहम्मद शमी की कमी खलेगी . धोनी ने कहा, 'शमी ऐसा गेंदबाज है जो नई गेंद से, बीच के ओवरों में और डेथ ओवरों में गेंदबाजी कर सकता है. इस तरह का गेंदबाज होना हमेशा अच्छा है और उसे गंवाना दुखद है. जहां तक नए खिलाड़ियों का सवाल है तो निश्चित तौर पर हम उन्हें टूर्नामेंट में खिलाएंगे.'
लचीलेपन से मिल सकेगी सफलता
सुरेश रैना के बाहर होने के बाद उनकी जगह गुरकीरत मान और मनीष पांडे में से एक को चुनने से जुड़े सवाल पर धोनी ने कहा, 'हमें छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए दोनों (गुरकीरत और मनीष) में से एक को चुनना होगा और हमे देखना होगा कि कौन सा बल्लेबाज इस स्थान पर फिट बैठता है. यह बल्लेबाजी करने के लिए मुश्किल क्रम है. यह इस पर निर्भर करता है कि शीर्ष चार या पांच बल्लेबाजों ने क्या किया है और खेल की जरूरत के हिसाब से कम फैसला करेंगे. लेकिन आदर्श स्थिति में पांचवें और छठे नंबर ऐसा स्थान हैं, जहां पर ऐसे व्यक्तिगत खिलाड़ियों की जरूरत होती है जो सामंजस्य बैठा सकें और अपने बल्लेबाजी क्रम को लेकर लचीले हों.' धोनी का मानना है कि शीर्ष स्तर पर खेलते हुए लचीलेपन की जरूरत होगी है जो सभी अच्छी टीमों में सफलता का अहम हिस्सा होता है.
भारतीय कप्तान ने कहा, 'अगर आप भारतीय टीम की सफलता को देखें तो हमारे पास कुछ खिलाड़ी हैं जो अलग-अलग स्थान पर बल्लेबाजी कर सकते हैं और काफी कम छठे या सातवें स्थान पर सफल रहे हैं. हमारे पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट के सलामी बल्लेबाज थे जो तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते थे और चौथे या पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने वालों को पारी की शुरूआत करनी पड़ी.' उन्होंने कहा, 'यह लचीलापन और सामंजस्य होना चाहिए क्योंकि आपको खेल की मांग के अनुसार ओवरों का फायदा उठाना होता है. मुझे नहीं लगता कि स्थाई स्थान से किसी का फायदा होने वाला है. मानसिकता से मदद मिलती है जिसमें आप हर मौके को चुनौती के रूप में लेते हो और हर चुनौती को मौके के रूप में.'