दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामले पर पूर्व क्रिकेटर और भारतीय जनता पार्टी के सांसद गौतम गंभीर ने चिंता जताई है. ई-सलाम क्रिकेट के मंच पर गौतम गंभीर ने केजरीवाल सरकार को कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पांच सुझाव दिए. गौतम गंभीर ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार कोरोना के मामले में पारदर्शिता नहीं दिखा रही है.
प्राइवेट अस्पतालों पर बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि चार महीने से प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना इलाज के खर्च को रेगुलेट क्यों नहीं किया है. दिल्ली की स्थिति चिंताजनक है. कोरोना संक्रमण के रफ्तार से पता चलता है कि दिल्ली के हालात ठीक नहीं है. दिल्ली सरकार को पारदर्शिता लानी चाहिए.
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गौतम गंभीर के पांच सुझाव
1. टेस्टिंग करानी जरूरी है, इसलिए तेजी से लोगों की टेस्टिंग कराई जानी चाहिए.
2. एमसीडी के अस्पतालों को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील कीजिए. यह अधिकार सिर्फ दिल्ली सरकार के पास है, ऐसे में इस पर तुरंत अमल करने की जरूरत है.
3. प्राइवेट हॉस्पिटल के रेट को रेगुलेट करनी की जरूरत है. इससे लोग अपना इलाज प्राइवेट अस्पताल में भी करा पाएंगे और सरकारी अस्पतालों पर बोझ कम होगा.
4. जो भी हॉस्पिटल माफिया की तरह काम कर रहे हैं, उन पर एफआईआर दर्ज कराइए.
5. आरडब्लूए या सोसॉयटी के अध्यक्षों के साथ मीटिंग कीजिए. उनके खाली कम्युनिटी हॉल में ऑक्सीजन-बेड की सुविधा दीजिए, जिससे असिम्टोमेटिक मरीजों को वहां इलाज हो पाए.
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तीन महीने में चरमराया हेल्थ सिस्टम
बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 6 साल में हेल्थ इंफ्रास्टक्चर पर काम नहीं किया. तीन महीने में पूरा हेल्थ सिस्टम चरमरा गया. सरकार महामारी के दौर में विज्ञापन दे रही है, जबकि हर एक पैसा लोगों के सेवा के लिए जाना चाहिए. मोहल्ला क्लिनिक पर अब कोई बात नहीं कर रहा है. सरकार एक हॉस्पिटल तो बना सकती थी.
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केंद्र की जिम्मेदारी के सवाल पर गौतम गंभीर ने कहा कि दिल्ली में सबकी जिम्मेदारी है. सांसद के अंदर एमसीडी अस्पताल आते हैं. दिल्ली सरकार ही एमसीडी के अस्पताल को कोविड हॉस्पिटल में बदल सकती है. मेरे संसदीय क्षेत्र में तो एक भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नहीं है. एमसीडी के अस्पताल में कोरोना का इलाज नहीं हो रहा है. सबको मिलकर काम करना होगा.