खेलों में नस्लवाद के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन समय-समय पर इससे जुड़े मामले सामने आते हैं. भारतीय टेस्ट टीम के अभिन्न अंग चेतेश्वर पुजारा को भी नस्लवाद का शिकार होना पड़ा था. साल 2015 में यॉर्कशायर काउंटी के लिए खेलने के दौरान पुजारा को साथी खिलाड़ी 'स्टीव' कहकर पुकारते थे.
अब समरसेट के तेज गेंदबाज जैक ब्रूक्स ने पुजारा को 'स्टीव' नाम से बुलाने पर माफी मांग ली है. ब्रूक्स उस दौरान यॉर्कशायर काउंटी के लिए ही क्रिकेट खेला करते थे. साथ ही, ब्रूक्स ने 2012 में किए गए दो नस्लवादी ट्वीट्स के लिए भी खेद जताया है. ब्रुक्स पर आरोप है कि उन्होंने इंग्लिश तेज गेंदबाज टायमल मिल्स और ऑक्सफोर्डशायर के लिए माइनर काउंटी क्रिकेट खेलने वाले स्टीवर्ट लॉडैट के खिलाफ नस्लवादी शब्दों का इस्तेमाल किया.
जैक ब्रूक्स ने अपने बयान में कहा, 'मैं स्वीकार करता हूं कि 2012 में मेरी ओर से किए गए दो ट्वीट्स में इस्तेमाल की गई भाषा अस्वीकार्य थी और मुझे इसका इस्तेमाल करने का गहरा अफसोस है. मैं इन ट्वीट्स को देखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए किए गए किसी भी अपराध के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं.'
इस सप्ताह के शुरुआत में, डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल चयन समिति के सामने अजीम रफीक की गवाही में ब्रूक्स का नाम आया था. रफीक ने कहा था कि ब्रूक्स ने पुजारा को 'स्टीव' कहने की प्रथा शुरू की थी.
ब्रूक्स ने कहा, 'इस सप्ताह सांसदों को दिए गए अजीम रफीक के बयान में मेरे नाम के संदर्भ में कहना चाहूंगा कि 'स्टीव' नाम का उपयोग कुछ ऐसे लोगों से संबंधित है जिनका उच्चारण करना मुश्किल है. यह अतीत में ड्रेसिंग रूम के माहौल का हिस्सा रहा, जो आम बात है. इसका किसी पंथ या जाति से कोई लेना देना नहीं है.'
ब्रूक्स ने आगे कहा, 'मैं इस संदर्भ में इसका इस्तेमाल करने की बात स्वीकार करता हूं और अब मानता हूं कि ऐसा करना अपमानजनक और गलत था. मैंने चेतेश्वर से संपर्क कर उनके या उनके परिवार के किसी भी अपमान के लिए माफी मांगी है. उस समय मैं इसे नस्लवादी व्यवहार के रूप में नही लेता था, लेकिन अब मैं देख सकता हूं कि यह स्वीकार्य नहीं था.'
समरसेट ने भी एक बयान जारी कर कहा है कि वे इस मामले को देख रहे हैं. क्लब ने कहा, 'रविवार की देर शाम समरसेट काउंटी क्रिकेट क्लब को हमारे एक खिलाड़ी जैक ब्रूक्स के आरोपों से अवगत कराया गया, जो उस समय हुआ जब वह यॉर्कशायर सीसीसी के लिए खेलते थे. एक जांच तुरंत शुरू की गई थी और जारी है. इस प्रक्रिया के समाप्त होने तक इस मसले पर टिप्पणी करना अनुचित होगा. नियत समय में बयान दिया जाएगा.'