रविवार को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2015 क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच के लिए टीम इंडिया जंक्शन ओवल में प्रैक्टिस कर रही है. टीम मैच की स्थिति के अनुसार बैटिंग और बॉलिंग का अभ्यास कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक टीम इंडिया इस मुकाबले में उसी एकादश के साथ उतरेगी जो पाकिस्तान के खिलाफ थी, बशर्ते कोई खिलाड़ी अंतिम मिनट में चोटिल न हो.
टीम इंडिया प्रैक्टिस के दौरान क्रिकेट के साथ ही मानसिक स्थिति पर भी बखूबी ध्यान दे रही है. कप्तान धोनी ने अपने खिलाड़ियों को साफ कह दिया है कि वो मैच के दौरान केवल बाउंड्री लगाने पर ध्यान देने की बजाय प्रत्येक गेंद पर सिंगल्स लेने की कोशिश करें. वो क्रिकेटरों को डॉट बॉल कम खेलने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. उनका मानना है कि प्रत्येक बॉल पर रन लेने से ही 300 रन बन सकते हैं. अभ्यास के दौरान शॉर्ट पिच गेंद को ऑफ साइड में पुश कर रन लेने पर जोर दिया जा रहा है.
डेल स्टेन पर अटैक करने की रणनीति है. उनका मानना है कि पहले दो-तीन ओवरों पर उनकी गेंद पर रन बनाने से बाकी के बॉलर्स दबाव में आ जाएंगे. दूसरे धाकड़ गेंदबाज मार्केल यार्कर फेकेंगे, इसलिए भारतीय बल्लेबाज क्रीज का बेहतर इस्तेमाल करें.
बॉलिंग के दौरान पोर्टीज पर दबाव बनाने की कोशिश करें. डिविलियर्स, मिलर और डुप्लेसिस जैसे दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज कंडीशन के मुताबिक अपनी क्रिकेट में बदलाव लाते हैं. उन्हें अपनी गेम खेलने का ज्यादा मौका न दें. उन्हें शुरुआती 15-18 गेंदों में परेशान करें और स्वाभाविक क्रिकेट खेलने से रोकें. इससे उनके अहम पर चोट लगेगी और वो गलतियां करेंगे.
फील्डिंग के दौरान 30 गज के दायरे में बल्लेबाज के कुछ सामान्य से कुछ निकट खड़े हों और इससे अफ्रीकी बल्लेबाज आसान सिंग्लस लेने से बचेंगे.
टीम इंडिया इस दौरान 2013 में कार्डिफ में चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीम पर जीत का वीडियो भी देख रही है. उन्हें यह बताया जा रहा है कि अगर टीम इंग्लिश कंडीशन में उन्हें हरा सकती है तो यहां क्यों नहीं.
इस रणनीति का हिस्सा स्लेजिंग भी होगी. क्रिकेटरों को स्मार्ट स्लेजिंग करने का तरीका भी बताया गया है. उन्हें कहा गया है कि जब भी कोई नया बल्लेबाज क्रीज पर आए उसे यह जरूर याद दिलाया जाए कि उनपर चोकर्स का टैग लगा हुआ है.
धोनी की रणनीति अगर कामयाब रही तो रविवार को टीम इंडिया पहली बार वर्ल्ड कप मुकाबलों में दक्षिण अफ्रीका को हराने में कामयाब रहेगी और इसके साथ ही अफ्रीकी टीम के लिए चोकर्स टैग की एक बार और चर्चा जरूर होगी.