टीम इंडिया के वनडे और टी20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी20 मैच के दौरान दर्शकों की बदसलूकी को गंभीरता से नहीं लेने के लिए कहा. लेकिन साउथ अफ्रीकी कप्तान फाफ डु प्लेसी की राय धोनी से उलट है उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए इसका दोहराव ना होने की उम्मीद जताई.
धोनी बोले, गंभीरता से ना लें इन बातों को
धोनी ने कहा, 'हमें इन चीजों को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए. मुझे याद है कि एक बार हम वाइजेग में खेल रहे थे और आसानी से मैच जीत गए लेकिन उस समय भी बोतलें फेंकी गई. यह पहली बोतल फेंकने से शुरू हुआ और फिर दर्शक इसमें मजा लेने लगे.' हालांकि धोनी ने कहा कि खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया गया. उन्होंने कहा, 'जहां तक खिलाड़ियों की सुरक्षा का सवाल है, मुझे नहीं लगता कि कोई गंभीर खतरा था. कुछ लोग मैदान पर बोतलें फेंक रहे थे. अंपायरों को लगा कि केंद्र में रहना या मैदान से बाहर जाना सुरक्षित होगा. हम अच्छा नहीं खेले और कई बार इस तरह की प्रतिक्रिया मिलती है. पहली कुछ बोतलें ही गंभीरता से फेंकी गई जिसके बाद यह मजे के लिए किया गया.'
फाफ डु प्लेसी ने की दर्शकों के व्यवहार की निंदा
धोनी ने जहां इसे गंभीरता से ना लेने की बात कही वहीं दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसी ने इसकी निंदा की और उम्मीद जताई कि भारत के 72 दिन के दौरे पर दोबारा ऐसी घटना नहीं होगी. उन्होंने कहा, 'यह देखकर अच्छा नहीं लगा. मैने भारत में पांच छह साल क्रिकेट खेली है और ऐसा कभी नहीं देखा. आप यहां खेलने आते हैं और सर्वश्रेष्ठ टीम जीतती है. यह अच्छी बात नहीं है और ऐसा नहीं होना चाहिये था. उम्मीद है कि इस दौरे पर ऐसा पहली और आखिरी बार हुआ है.' यह पूछने पर कि क्या ऐसा सिर्फ उपमहाद्वीप में होता है, उन्होंने कहा, 'इसका जवाब देना कठिन है. पूरी दुनिया में लोग अपनी टीमों को लेकर काफी जज्बाती हैं. कई बार सीमा पार कर जाते हैं जो नहीं होना चाहिए. भारत में मैंने ऐसा पहली बार देखा लिहाजा मैं यह नहीं कह सकता कि यहां ऐसा बहुत होता है. लोगों में खेल को लेकर काफी जुनून है लेकिन खिलाड़ी नहीं चाहते कि खेल में ऐसा हो.'