वर्ल्ड कप 2015 में पाकिस्तान के खिलाफ पिछली बार के चैंपियनों की दहाड़ ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा. पिछले तीन महीनों से एक जीत के लिए तरस रही टीम के लिए पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत एक सकारात्मक शुरुआत है.
हाल के महीनों में टीम इंडिया का कमजोर प्रदर्शन उसके सेमीफाइनल में पहुंचने की उम्मीदों को हल्का बना देता है. लेकिन चीजें अब टीम इंडिया के पक्ष में घटित होने लगी है. पाकिस्तान के खिलाफ जीत के बाद टीम इंडिया के रणबांकुरे ना केवल अपने पैरों पर खड़े हैं, बल्कि जिस तरह अंदाज में पाकिस्तान को चित किया, उसने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया.
पाक के खिलाफ भारत ने हर क्षेत्र में अपने खेल का स्तर ऊंचा उठाया और जीत से उसका मनोबल निश्चित तौर पर बढ़ा होगा. लेकिन अफ्रीकी शेर सिर्फ स्पिन के सामने ढेर होने से रहे भारत को अपनी जीत का सिलसिला बनाए रखने के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे.
दूसरी ओर साउथ अफ्रीका वर्ल्ड कप में चोकर्स का ठप्पा हटाना चाहेगा. साउथ अफ्रीका ने वर्ल्ड कप में भारत के हाथों कभी मात नहीं खाई है. लिहाजा भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत से बहुत इतराना नहीं चाहिए और अगले मुकाबले पर ध्यान लगाना चाहिए.
1. गेंदबाजी में एक्स्ट्रा स्पेशल
अगर आपने भारतीय गेंदबाजी को पिछले तीन महीनों में विश्लेषित किया है, तो आप देखेंगे कि गेंदबाजों ने सबको सरप्राइज किया है. हालांकि करोड़ों भारतीयों को खुश करने वाले गेंदबाजों के सामने अब साउथ अफ्रीका की चुनौती है. नई गेंद से गेंदबाजों को विकेट झटकने होंगे ना कि अफ्रीकियों को खुलकर रन बटोरने का मौका देना.
2. हाफ चांस को पकड़ो
पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत से फील्डिंग में की गई गलतियां तो छुप गई, मगर साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऐसी गलतियां भारी पड़ सकती है. लिहाजा हाफ चांस को फुल चांस बनाना होगा. भारतीय उपमहाद्वीप के शेरों को उन मौकों को कैच करना होगा, जो बमुश्किल एकाध ही होंगे, लेकिन महत्वपूर्ण होंगे.
3. गुच्छों में विकेट ना फेंकना
पिछले वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार का सबसे बड़ा कारण अचानक से भारतीय बल्लेबाजी का ढह जाना भी था. 1 विकेट पर 267 रन बनाने वाली टीम इंडिया 296 रन पर ऑल आउट हो गई, लिहाजा आखिर में टीम को इसकी कीमत हार के रूप में चुकानी पड़ी. टीम इंडिया को इस तरह की लापरवाही से बचना होगा, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ भी टीम की बल्लेबाजी अचानक से डेथ ओवरों में ढह गई. साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम को इस चुनौती से पार पाना होगा.
4. विकेट बचा के रखो
पाकिस्तान के खिलाफ टीम इंडिया ने शुरू में विकेट नहीं गंवाए और यह टीम के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ. डेल स्टेन, वेरोन फिलेंडर और मोर्ने मोर्कल के सामने भी टीम के बल्लेबाजों को यही रणनीति अपनानी होगी.
5. धोनी की कप्तानी
बोर्ड पर रन टांगकर स्पिनरों के साथ विपक्षी टीम पर हमला बोल देना कप्तान के तौर पर एमएस धोनी की खासियत रही है. साउथ अफ्रीका के खिलाड़ी स्पिन के खिलाफ कमोजर रहे हैं. लिहाजा भारतीय टीम के स्पिनरों को चाहिए कि निश्चित अंतराल पर अफ्रीकी खिलाड़ियों का शिकार करते रहे. अगर अश्विन को छोड़ दिया जाए, तो किसी और भरोसा करना ज्यादती होगी.
दूसरी ओर, हाल के वर्षों में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड अंगुलियों से सहारे स्पिन कराने वाले गेंदबाजों के लिए सुखद ग्राउंड नहीं रहा है. लिहाजा अश्विन और जडेजा को इस बात का ध्यान रखना होगा. ऐसी परिस्थितियों में गेंदबाजी विकल्पों को आजमाना और हमले के लिए विकल्पों को खुला रखना धोनी के लिए चुनौती होगी. ऐसे में धोनी की कप्तानी के लिए यह एक बड़ा इम्तिहान होने जा रहा है.