भारत के घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले वसीम जाफर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज जाफर ने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की, जिससे दो दशक तक चले उनके शानदार करियर का भी अंत हो गया. 42 साल के वसीम जाफर ने भारत के लिए अपना आखिरी टेस्ट मैच अप्रैल 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कानपुर में खेला था.
टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने अपने क्रिकेट करियर को विराम देते हुए कहा, 'सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली, अनिल कुंबले, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और महेद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना मेरे लिए सम्मान की बात रही.'
Most runs in Ranji Trophy ✅
Most capped player in Ranji Trophy ✅
We wish Wasim Jaffer well as he announces his retirement from all formats of the game.
LINK 👉 https://t.co/Ch1NIpKdzc pic.twitter.com/6LVOx1vGn8
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) March 7, 2020
वसीम जाफर ने 260 प्रथम श्रेणी मैचों में 50.67 की औसत से 19,410 रन बनाए हैं. उन्होंने 57 शतक और 91 अर्द्धशतक जड़े. नाबाद 314 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. उन्होंने 2000 और 2008 के बीच 31 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें पांच शतकों और 11 अर्द्धशतकों सहित 1944 रन बनाए. साथ ही उन्होंने 8 साल के अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में भारत के लिए दो वनडे भी खेले हैं.
रणजी ट्रॉफी में किया है यादगार प्रदर्शन
घरेलू क्रिकेट विशेषकर रणजी ट्रॉफी में उनके प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है. रणजी ट्रॉफी में वसीम जाफर ने 12038 रन बनाए, जो रिकॉर्ड है. उनके अलावा किसी और खिलाड़ी ने इस प्रतिष्ठित घरेलू ट्रॉफी में दस हजार का आंकड़ा नहीं छुआ है. अमोल मजूमदार 9202 रन बनाकर दूसरे स्थान पर हैं. उन्होंने अपने करियर में अधिकतर समय मुंबई का प्रतिनिधित्व किया. वह रणजी ट्रॉफी में 150 मैच खेलने वाले पहले बल्लेबाज हैं.
मुंबई की ओर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले वसीम जाफर 2015-16 सीजन से पहले विदर्भ चले गए थे. लगातार दो बार (2018 और 2019) उन्होंने विदर्भ को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई. वसीम जाफर को किंग्स इलेवन पंजाब का बल्लेबाजी कोच बनाया गया है. वह आईपीएल 2020 में पंजाब की टीम को बल्लेबाजी के गुर सिखाएंगे.
'पत्नी ने इंग्लैंड की आरामदायक जिंदगी छोड़ दी...'
जाफर ने बयान में कहा, ‘सबसे पहले मैं अल्लाह का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिसने मुझे इस शानदार खेल को खेलने के लिए प्रतिभा बख्शी. मैं अपने परिजनों, मेरे माता-पिता और भाइयों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे इस खेल को पेशे के तौर पर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. मैं अपनी पत्नी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिसने मेरा प्यारा घर बसाने और मेरे और बच्चों के लिए इंग्लैंड की आरामदायक जिंदगी छोड़ दी.’
...वेस्टइंडीज में दोहरा शतक लगाया
यह सलामी बल्लेबाज उन कुछ भारतीय बल्लेबाजों में शामिल है, जिन्होंने वेस्टइंडीज में दोहरा शतक लगाया है. उन्होंने कैरेबियाई टीम के खिलाफ सेंट लूसिया में 212 रन बनाए थे. जाफर ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया. उन्होंने अपना पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच 2006 में इसी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ खेला था.