वर्ल्ड कप 2015 के तीसरे क्वार्टरफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार के बाद भले ही पाकिस्तान बाहर हो गया हो, लेकिन बाएं हाथ के गेंदबाज वहाब रियाज की उछलती गेंदे इतिहास में दर्ज हो गई हैं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके स्पेल की चर्चा इन दिनों हर जगह है.
वहाब ने जब तेज गेंदबाजी शुरू की थी, तब उनकी गेंदों में इतनी रफ्तार और जान नहीं थी कि वो किसी बल्लेबाज को डरा सके. 6 बरस की उम्र में 1992 में वसीम अकरम को गेंदबाजी करते देखकर वहाब रियाज ने लेफ्ट आर्म तेज गेंदबाज बनने का निर्णय किया था. वहाब रियाज की गेंदबाजी हमेशा से इतना आकर्षक नहीं थी. 17 की उम्र में वहाब सिर्फ 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर पाते थे. 'क्रिकंइफो' ने वहाब के साथ बातचीत के आधार पर इस आशय की खबर प्रकाशित की है.
वहाब ने कहा, 'जब मैंने गेंदबाजी शुरू की थी, तब रफ्तार बहुत स्लो थी और वास्तव में मैं मीडियम पेसर था. लेकिन आकिब जावेद ने मुझ पर बहुत काम किया और हमेशा कहते थे, अगर तुम तेज नहीं फेंक सकते तो तेज गेंदबाज नहीं बन पाओेगे. 6 से 7 सालों तक कड़ी मेहनत के बाद मैं तेज गेंदबाजी करने लगा.'
रियाज कहते हैं, 'शुरुआत में मुझे नहीं पता था कि कहां गेंदबाजी करनी है. लेकिन मेरी कोशिश तेज गेंद करने की होती. इस तरह मैंने रफ्तार हासिल की. अंडर-17 और 19 में मेरी रफ्तार 110- 120kph थी, आकिब जानते हैं कि मैं क्या था और मुझे संवारने में उनकी बड़ी भूमिका है.'
जब भी वर्ल्ड कप 2015 की तस्वीरें पलटी जाएगी और वीडियो देखे जाएंगे, क्रिकेट के चाहने वाले वहाब की 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से कुलांचे भरती गेंदों पर तालियां बजाएंगे.