अगले महीने जब टीम इंडिया जिंबाब्वे दौरे पर जाएगी तो अपने साथ कोई न्यूट्रिशन सप्लिमेंट नहीं लेकर जाएगी. इस दौरे पर उनकी सप्लाई सीधे दक्षिण अफ्रीका से आएगी. इतना ही नहीं बांग्लादेश के खिलाफ बुधवार को शुरू हुए टेस्ट मैच में भी टीम इंडिया के लिए हाइड्रेशन और रिकवरी सप्लिमेंट सीधे ऑस्ट्रेलिया से आया.
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक मैगी नूडल्स को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद फूड सिक्युरिटी पर ध्यान दिया जा रहा है. अथॉरिटीज को नहीं पता है कि देश के बड़े खिलाड़ी क्या प्रोडक्ट ले रहे हैं.
स्मार्ट न्यूट्रिशन के सीईओ राज मखीजा ने कहा, 'मुश्किल ये है अथॉरिटीज को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (एफएसएस) एक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. मैं पांच-छह साल से इंतजार कर रहा हूं कि सरकार खिलाड़ियों के न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट के आयात को लेकर कोई कानून बनाएगी लेकिन कुछ नहीं मिला.' मखीजा ने कि यह सिर्फ क्रिकेट टीम तक ही सीमित नहीं है बल्कि हॉकी टीम के लिए भी इस तरह के प्रोडक्ट आएंगे.
मखीजा की क्लाइंट लिस्ट में देश के करीब 3000 एथलीट शामिल हैं, जिसमें साइना नेहवाल, पी कश्यप और ओलंपिक मेडलिस्ट पहलवान योगेश्वर दत्त जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इतना ही नहीं कुछ आईपीएल फ्रेंचाइजी भी उनकी क्लाइंट लिस्ट में शुमार हैं.
टीम इंडिया को दिए जाने वाले प्रोडक्ट्स में वाइपर एक्टिव, वाइपर बूस्ट हाइड्रेशन, प्रोमैक्स प्रोटीन बार्स और साइक्लोन प्रोटीन पाउडर शामिल हैं. ये सभी प्रोडक्ट यूके बेस्ड मैक्सीन्यूट्रिशन के हैं. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) के डायरेक्टर संध्या काबरा के मुताबिक इन प्रोडक्ट्स को लेने से कोई नुकसान नहीं है.
इस लिस्ट को कनफर्म करते हुए टीम के पूर्व ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन ने कहा, 'राज टीम इंडिया को 2006 से सप्लिमेंट और न्यूट्रिशन एडवाइस दे रहे हैं.' मखीजा कहते हैं कि क्लीयरेंस प्रोसिजर से लेकर अन्य मुश्किलों के चलते उन्होंने यह प्रोडक्ट भारत में आयात करने का फैसला वापस लिया. इस तरह से सरकार और रेग्युलेटर के बीच तालमेल की गड़बड़ी साफ नजर आती है. सरकार की रडार में कई टॉप ब्रांड्स नहीं हैं.