टीम इंडिया के पूर्व ओपनर और मौजूदा कमेंटेटर गौतम गंभीर ने एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में हीरो कल्चर पर सवाल खड़े किए हैं. गौतम का कहना है कि भारतीय क्रिकेट फैन्स को हीरो की पूजा करना बंद करना चाहिए, वरना यह क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं होगा. गौतम गंभीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि ड्रेसिंग रूम में कोई मॉन्स्टर तैयार ना करें, सिर्फ भारतीय क्रिकेट को ही असली मॉन्स्टर रहने दें.
गौतम गंभीर बोले कि जब आप किसी को पूजना शुरू कर देते हैं, तो उनके साथ के मौजूद कई खिलाड़ी वहीं पर खत्म हो जाते हैं और आगे नहीं बढ़ पाते हैं. पहले महेंद्र सिंह धोनी थे और अब विराट कोहली हैं. गौतम ने कहा कि जब विराट कोहली ने टी-20 मैच में शतक जड़ा तब किसी ने भी भुवनेश्वर कुमार के उसे शानदार स्पेल की बात नहीं की.
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि कमेंट्री में मैं इकलौता था जिसने बार-बार इसका जिक्र किया कि चार ओवर में चार रन देकर 5 विकेट लेना आसान नहीं है. भारत को हीरो की पूजा करने से बाहर निकलना होगा, आपको सिर्फ भारतीय क्रिकेट को ही बड़ा मानना होगा. जब सवाल हुआ कि यह कल्चर कैसे शुरू हुआ, तब गौतम गंभीर सोशल मीडिया पर भड़क गए.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से इस तरह की चीज़ें शुरू होती हैं, जहां सबसे फेक फैन्स मौजूद हैं. यहां सिर्फ इसी आधार पर आपको जज किया जाता है कि आपके फॉलोवर्स की संख्या कितनी है. गौतम बोले कि 1983 में जब भारत ने वर्ल्डकप जीता, तब कपिल देव के साथ ऐसा हुआ. उसके बाद 2007, 2011 वर्ल्डकप में भी ऐसा ही हुआ और कप्तान को ही सबकुछ मान लिया गया.
आपको बता दें कि गौतम गंभीर कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं और बार-बार किसी एक व्यक्ति को ही हीरो मानने पर अपनी नाराज़गी व्यक्त कर चुके हैं. 2011 वर्ल्डकप के लिए भी बार-बार महेंद्र सिंह धोनी की फाइनल में खेली गई पारी को क्रेडिट मिलने पर भी गौतम गंभीर ने कई बार आपत्ति जताई है और कहा है कि वह पूरी तरह से एक टीम एफर्ट ही था.